धर्मान्तरण को रोकना, विदेशी कम्पनियों को उखाड़ फेंकना, पाश्चात्य संस्कृति को रोकना ये सब Asaramji ka Khatarnak Mishan हैं । एक एक करके यहाँ हम समझेगें ।
Asaramji ka Khatarnak Mishan | Asaramji’s Dangerous Mission
धर्मान्तरण को रोकना :
संत आसारामजी व उनके शिष्यों द्वारा प्रतिवर्ष हजारों सत्संग कार्यक्रम, 1200 भजन-मंडली, प्रति माह 17 लाख ‘ऋषि प्रसाद’ व 3 लाख ‘लोक कल्याण सेतु’ पत्रिका का प्रकाशन तथा प्रति वर्ष 4000 संकीर्तन यात्रायें निकाली जाती हैं । उनके सैकड़ों आश्रमों में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक, एक्यूप्रेशर आदि की चिकित्सा की जाती है । गाँव-गाँव में गरीबों, आदिवासियों में निःशुल्क चिकित्सा-शिविर आयोजित होते हैं । कई चल-चिकित्सालय भी चलते हैं ।
ओड़िशा, गुजरात, मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों के सबसे गरीब इलाकों में गरीबों, अनाश्रितों एवं विधवाओं के लिए बापू के आश्रम द्वारा राशनकार्ड दिये गये हैं, जिनके माध्यम से उनको हर माह अनाज व जीवनोपयोगी वस्तुएँ निःशुल्क दी जाती हैं । संत आसारामजी की ‘भजन करो, भोजन करो, पैसा पाओ योजना’ के तहत जिनकी आय कम है, खाली बैठे वृद्धों व परिवारजनों को सुबह से शाम तक भगवन्नाम-जप, सत्संग, कीर्तन करवाकर भोजन व पैसा (50 से 80 रुपये प्रतिदिन) दीया जाता है । संत आसारामजी ऐसी अनेकों योजनाएँ चलाकर ईसाई धर्मान्तरण को रोकते हैं ।
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अगर बापूजी के चार करोड़ शिष्य व अनुयायी 50 सालों तक शराब व सिगरेट नहीं पीते हैं तो 37 लाख 64 हजार करोड़ रुपयों का शराब कम्पनियों को घाटा, 22 लाख 72 हजार करोड़ रुपयों का सिगरेट कंपनियों को घाटा होता है ।
‘वेलेन्टाइन डे’ से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, ग्रीटिंग आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री के कारोबार में भी करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है । ऐसे ही गुटका, ब्ल्यू फिल्म, अश्लील सामान आदि बनानेवाली कंपनियों का भी यही हाल है । यदि इन सभी आँकड़ों को जोड़ा जाय तो कई सौ लाख करोड़ रुपये हो जाते हैं । इतने बड़े नुकसान की वजह संत आसारामजी हैं ।
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नये त्यौहार बनाकर रोकना :
संत आसारामजी ने सन् 2007 से 14 फरवरी को ‘वेलेन्टाइन डे’ की जगह ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाना शुरू करवाया । इसका ऐसा प्रचार हुआ कि मानो ‘वेलेन्टाइन डे’ को उखाड़ने का तांडव शुरू हो गया हो । मलेशिया, ईरान, सउदी अरब, इंडोनेशिया आदि अनेक देशों ने वेलेन्टाइन डे पर प्रतिबंध लगा दिया । ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ विश्वव्यापी हो गया है, जिससे ईसाई जगत में बहुत बड़ी खलबली मची है ।
इस बाबा ने जेल में रहते हुए भी 25 दिसम्बर को ‘क्रिसमस डे’ के ही दिन ‘तुलसी पूजन दिवस’ के नये त्यौहार का प्रचार-प्रसार तथा 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक ‘विश्वगुरु सप्ताह’ अपने शिष्यों से शुरू करवाया । धर्मान्तरण करनेवाला ईसाई जगत बाबा के जेल में जाने के बाद भी परेशान है ।
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Asaramji ka Khatarnak Mishan- विभिन्न योजना चलाकर रोकना :
संत आसारामजी भारत में 17,000 निःशुल्क बाल संस्कार केन्द्र, 40 गुरुकुल, 1 डिग्री कॉलेज तथा प्रति वर्ष 4000 संकीर्तन यात्राएँ, 1500 सत्संग कार्यक्रम, 4 लाख 86 हजार भजन-संध्या कार्यक्रम तथा भारत में प्रति वर्ष 2200‘विद्यार्थी उत्थान शिविर, 25 से 27 लाख विद्यार्थियों मेें ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश ज्ञान प्रतियोगिता’, 2 लाख 50 हजार ‘युवा संस्कार सभाएँ’ व हजारों महिला उथान शिविरों आदि के माध्यम से पाश्चात्य कल्चर को भारत में फैलने से रोकते हैं ।
संत आसाराम बापू की भविष्यवाणियाँ :
3 दशक पूर्व पहली बार कहा भारत विश्वगुरु बनकर ही रहेगा ।
मनमोहन सिंह कुछ दिन और राज कर लें इसके बाद हमारे बच्चे राज करेंगे ।
हमारे आश्रम, समितियों व हमारे ऊपर झूठे आरोप व षड्यंत्र होगें, जिसके लिए आप सभी शिष्यों को तैयार रहना होगा (सन् 2004 में कहा था) ।
भारत को विश्वमानव की पीड़ा हरनेवाला बनाना है और बनेगा… ऐसी कई आत्माएँ प्रकट हो चुकी हैं । मेरे करोड़ों बच्चे भारत को विश्वगुरु बनायेंगे ।
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