महान संत Boriyababa ka Khat Modi ke Nam लिखा गाया है जिसमें संत आसारामजी बापू को झूठे मुकदमे में फँसाकर जेल भेज भेजा गया है का जिक्र है ।
Boriyababa ka Khat Modi ke Nam | Boria Baba’s letter to Modi
महान संत बोरियाबाबा किन्नाराम परम्परा के 350 वर्ष तक जीवित रहने वाले बाबा बैतालीराम के शिष्य हैं ।
काँगे्रस पार्टी ने 80 वर्षीय संत आसारामजी बापू को लगभग साढ़े तीन वर्ष पहले एक झूठे मुकदमे में फँसाकर जेल भेज दिया था । मैडम सोनिया ने अपनी हुकूमत में और भी बड़े-बड़े हिन्दू संतों को खूब सताया है । अब मैडम सोनिया व उसके पुत्र के कर्म पूरे हो चुके हैं, उनका राजपाट छिन चुका है । अब दोनों ही असहाय होकर घूम रहे हैं ।
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संत आसारामजी बापू पिछले 50 वर्षों से इस देश की सेवा में जुटे हुए थे । अपने सत्संग, गुरुकुलों व गौशालाओं के जरिये वे भारत की सनातन संस्कृति, धर्म व गौमाता की खूब-खूब सेवा कर रहे थे । देश में ईसाई मिशनरियों द्वारा हिन्दुओं को धड़ाधड़ ईसाई बनाये जाने के कामों में इससे रोक भी लग रही थी और इसी कारण से मैडम सोनिया उनसे नाराज हो गयी ।
देश के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि मोदीजी की सरकार आ जाने पर संत आसारामजी बापू को इन्साफ तुरन्त मिल जायेगा इसीलिए देश के बड़े-बड़े साधु-संतों ने भी भाजपा की जीत के लिए खूब-खूब प्रार्थनाएँ, यज्ञ तथा भंडारे किये थे ।
Boriyababa ka Khat में लिखा है कि मोदीजी ! मेरा आपसे कहना है कि जिस राजा के राज में संत सताये जायें तथा संत-महात्मा भयभीत होकर रहें तो उस राजा का भविष्य कतई उज्ज्वल नहीं है । संत आसारामजी बापू एक निर्दोष संत हैं, आप सम्मान के साथ उनकी आजादी का जल्दी-से-जल्दी प्रबंध कर दें । संतों को सतानेवाले राजा का तेज, प्रताप बीच में ही नष्ट हो जाता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकता । (‘आदर्श पंचायती राज’ पत्रिका, दिसम्बर 2016)
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