आँखो देखा हाल व विशिष्ट लोगों के बयान पढने को मिलेगें, आसारामजी बापू के हेलिकाप्टर चमत्कार Helicopter Chamatkar Asaramji Bapu की घटना का ।
‘‘बड़ी भारी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भी बिल्कुल सुरक्षित रहने का जो चमत्कार बापूजी के साथ हुआ है, उसे सारी दुनिया ने देख लिया है । अब ना स्तिकों, निंदकों को और कौन-सा पर्चा चाहिए ? और कौन-सा चमत्कार चाहिए ? अपनी हरकतों से बाज आ जाओ ।’’
– ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के तत्कालीन मुख्य संरक्षक व पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल
‘‘पूज्य बापूजी का हेलिकॉप्टर अनियंत्रित हो जोरदार धमाके के साथ जमीन पर गिरकर कई टुकड़ों में बिखर गया । बापूजी आगे की सीट पर ही बैठे थे फिर भी उन्हें तथा किसीको भी खरोंच तक नहीं आयी । यह चमत्कारिक घटना से कम नहीं है । बापूजी की जनता को समर्पित सेवा सर्वविदित है ।’’
– श्री सुशीलकुमार शिंदे, तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री
‘‘मैं अपना शीश झुकाकर परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के चरणों में शत-शत प्रणाम करता हूँ । इतनी बड़ी हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई और बापूजी और उनके सहयोगियों का बाल भी बाँका नहीं हो पाया । हमारे परम पूज्य बापूजी को दैवी शक्ति प्राप्त है । परमात्मा ने उनके अंदर जो शक्ति समाहित की है, उसीका यह करिश्मा था । उसीका यह परिणाम था कि बापूजी और उनके किसी भी सहयोगी को रंचमात्र भी चोट नहीं लगी । मैंने ऐसी दुर्घटना कभी अपने जीवन में नहीं देखी थी । जिसने भी इस दुर्घटना को टेलीविजन पर देखा, सभी यह मान चुके थे कि इसमें कोई बचा नहीं होगा परंतु क्षणभर में ही बिल्कुल सही-सलामत हमारे सबके आस्था व विश्वास के केन्द्र परम पूज्य संत आशारामजी बापू अपने सहयोगियों के साथ हेलिकॉप्टर से बाहर आये और आज हम सभी लोग अपने चक्षुओं से उनका प्रत्यक्ष दर्शन कर रहे हैं ।’’
– श्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय रक्षामंत्री, तत्कालीन वरिष्ठ सांसद, भा.ज.पा.
‘‘दुनिया के अंदर करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक बापू आशारामजी हैं । बड़े-बड़े मंत्री, मुख्यमंत्री जिनके पास सत्ता थी, उनके हेलिकॉप्टर गिरे तो कोई सलामत नहीं बचा लेकिन बापूजी के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ और किसीको भी एक कंकड़ की भी चोट नहीं आयी ! यह दुनिया में इस प्रकार का पहला चमत्कार है । यह बापूजी का चमत्कार है !’’
– ‘अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनिंदरजीत सिंह बिट्टा
देश-विदेश के कई संतों-महंतों, धर्माचार्यों, राजनेताओं व उद्योगपतियों ने संत आशारामजी बापू के बारे में जानने के लिए दूरभाष-पर-दूरभाष करने शुरू कर दिये । सेवानिवृत्त राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील ने बापूजी का कुशल समाचार दूरभाष पर पूछने के दौरान बताया कि एयरफोर्स के कई आला अधिकारियों से इस तरह की भयंकर दुर्घटना में सभी लोगों के बच जाने का कारण पूछा तो सभीने एक स्वर से कहा कि यह एकमात्र बापूजी का चमत्कार ही था वरना ऐसी दुर्घटना में किसीके बचने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता !
29 अगस्त 2012 को मोरबी से पूज्य बापूजी हेलिकॉप्टर से गोधरा के लिए रवाना हुए । गोधरा पहुँचने पर जब हेलिकॉप्टर धरती से करीब 100 फीट ऊपर था तब पायलट का हेलिकॉप्टर पर से नियंत्रण छूट गया… और यह क्या ! हेलिकॉप्टर सीधा जमीन पर उतरने के बजाय मुँह के बल गिरा और उसके पुर्जे-पुर्जे अलग हो गये ।
बापूजी जिस ओर बैठे थे उसी ओर से हेलिकॉप्टर धड़ाम-से गिरकर उलटा हो गया । पंखे के टुकड़े-टुकड़े होकर कई फीट दूर उछल गये । हेलिकॉप्टर का आगे का हिस्सा जमीन पर जोर से टकराया और पीछे का हिस्सा आकाश की ओर उछलकर उसके पुर्जे हवा में बिखर गये । हेलिकॉप्टर खतरनाक ढंग से उलट-पुलटकर बापूजी की तरफवाला हिस्सा नीचे दब गया ।
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उसी क्षण हेलिकॉप्टर के पीछेवाले हिस्से में (पेट्रोल टैंक के पास) भीषण आग लग गयी । पेट्रोल भी कौन-सा ? व्हाइट पेट्रोल, जो अति ज्वलनशील होता है । अब पेट्रोल टैंक से बह रहा है व्हाइट पेट्रोल… बिल्कुल एक नल की धार की तरह !
जहाँ आग की एक चिनगारी भी भयंकर विस्फोटक साबित हो सकती है, वहीं आग की लपटों का पेट—ोल टैंक के हिस्से से शांत सुमेल का दृश्य विश्व का आठवाँ अजूबा ही कहलायेगा ! और अचानक आग बुझ गयी । कैसे बुझी आग ? किसने बुझायी ? क्या हेलिकॉप्टर में ऐसा कोई सिस्टम है कि जब हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो तब उसमें लगी आग अपने-आप बुझ जाय ? ना, अभी तक ऐसी कोई तकनीक खोजी ही नहीं गयी है ।
फिर यह कौन-सी चमत्कारिक शक्ति है ? Helicopter Chamatkar Asaramji Bapu
नजर के सामने ही हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब सभीके मन में एक ही सवाल था कि अंदर बैठे पूज्य बापूजी की स्थिति कैसी होगी ?… क्योंकि बापूजी जिस ओर बैठे थे, उस ओर का हेलिकॉप्टर का हिस्सा पलटकर चकनाचूर हो गया था ।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ उसके बाद कुछ ही क्षणों में पूज्य बापूजी हेलिकॉप्टर के आगे के हिस्से से बाहर आये ।
हेलिकॉप्टर के पुर्जों के बीच में से बाहर आते ही पूज्य बापूजी ने आसपास खड़े भक्तों को इशारे से कहा कि मैं ठीक हूँ । फिर बापूजी ने अलमस्त अंदाज में ‘हरि ॐ’ की गर्जना की, तब उपस्थित सभी भक्त भी हर्षित होते हुए ‘हरि ॐ बापूजी… हरि ॐ बापूजी…’ बोल उठे ।
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जैसे पुराणों में आता है कि भगवान श्रीकृष्ण अघासुर अजगर के मुख से हँसते-खेलते बाहर आ गये थे, वैसे ही बापूजी ने भी हेलिकॉप्टर दुर्घटना का रूप ले के आये हुए अघासुर को अपने योगबल से परास्त कर दिया । इतिहास साक्षी है कि ऐसी भीषण दुर्घटना में आज तक कोई नहीं बच पाया परंतु यहाँ तो बापूजीसहित हेलिकॉप्टर में सवार किसीका बाल भी बाँका नहीं हुआ, किसीको खरोंच तक नहीं आयी ।
पुराणों में लिखित चमत्कारों के बारे में तो केवल सुना है लेकिन यह वास्तविक दृश्य तो कैमरे में कैद होकर इतिहास में सुवर्ण अक्षरों से अंकित हो गया ।
इतनी बड़ी हेलिकॉप्टर दुर्घटना होने के बावजूद बापूजी कुछ ही समय में गोधरा के सत्संग-पंडाल में निर्धारित समय पर पहुँचे और गोधरा का कार्यक्रम सकुशल सम्पन्न हुआ ।
सुनी-सुनायी बात जल्दी मानने में नहीं आती परंतु विडियो में स्पष्ट दिखनेवाले इस सत्य को कौन नकार सकता है ? भारी-भरकम मजबूत धातु के पुर्जों से बने हेलिकॉप्टर का तो बन गया पूरा कचूमर पर आगे की ही सीट पर बैठे बापूजी का कोमल शरीर बिल्कुल स्वस्थ, मस्त, तंदुरुस्त ! कहते हैं न, कि ‘चमत्कार को नमस्कार है !’ इस घटना को देखकर नास्तिकवादी लोगों से भी बरबस संत-भगवंत की महिमा गाये बिन नहीं रहा गया । देश-विदेश के मीडिया ने भी इस चमत्कारिक घटना की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।
इस प्रसंग ने इन ब्रह्मज्ञानी महापुरुष की योगलीलाओं में एक नया अध्याय जोड़ दिया है, जो विश्व-इतिहास में सुवर्ण-अक्षरों में अंकित हो गया है ।
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