संत आसारामजी धर्मांतरण-विरुद्ध एवं स्वधर्म-पालन का साहित्य बँटवाते रहते थे । अर्धरात्रि को Asaramji ke Sath Dhokha करके जेल में डाल दिया गया । कौन कौन लोगों ने किस प्रकार षडयंत्र करके फसाया यह सब दिया गया है ।
Asaramji ke Sath Dhokha | Cheating on Asaramji
पागल कुत्तों की दौड़ :
संत आसारामजी खुलेआम अपने सत्संगों में धर्मांतरण के खिलाफ बोलते रहते थे व धर्मांतरण-विरुद्ध एवं स्वधर्म-पालन का साहित्य बँटवाते रहते थे । वे अलग-अलग क्षेत्रों में धर्मांतरण के कारणों को जानकर उसके निवारण हेतु भारत में बहुत सारी योजनाएँ व तमाम प्रकार की सेवाएँ चला रहे हैं, जैसे – गरीबों के लिए ‘निःशुल्क अनाज-वितरण कार्ड’, अति गरीब बेरोजगारों व उनके परिजनों तथा खाली बैठे वृद्धों, अपाहिजों, विधवाओं के लिए ‘भजन करो, भोजन करो, पैसा पाओ’ योजना एवं चल-चिकित्सालय, बाल संस्कार केन्द्र, गुरुकुल आदि ।
बापूजी की बढ़ती सेवा-प्रवृत्तियाँ व बढ़ते प्रभाव को खत्म करने के लिए ईसाई मिनिरियाँ व विदेशी ताकतें पागल कुत्तों की तरह दौड़ रही थीं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही थी । बापूजी अपने सत्संगों में बिना किसी शुल्क के स्वस्थ, सुखी व सम्मानित जीवन जीने की कला सिखाते थे । इनके कारण हिन्दुत्व, देशप्रेम की भावना, स्वदेशी व आयुर्वेदिक चीजों की माँग बढ़ रही थी, जिससे विदेशी कम्पनियाँ भी बौखलायी हुईं थी ।
लोमड़ी की घात :
बापूजी के आश्रम से निष्कासित कुछ बगावती लोग भी मौके की तलाश में लोमड़ी की तरह घात लगाये बैठे थे । बापूजी से जिस पार्टी के लोग मार्गदर्शन व आशीर्वाद लेते रहे, उस पार्टी का वर्चस्व बढ़ गया तो मैडम सोनिया बापूजी से खार खाती रही ।
ऐसे नेताओं व आश्रम से निकाले हुए कुछ बगावती लोगों की एक सशक्त टीम बनी व इनका मिशन बना ‘बापू जीरो मिशन’ । इन लोगों ने बापूजी के ऊपर 2 केस लगवाये ।यह संत Asaramji ke Sath Dhokha बहुत बडा है ।
अवश्य पढेंः- संतों पर अत्याचार क्यों ?
Asaramji ke Sath Dhokha अर्धरात्रि को :
पहला केस बना जिसमें वेटिकन पोप और सोनिया-राहुल के इशारे पर काँग्रेसी नेताओं तथा वकीलों ने शाहजहाँपुर (उ.प्र.) की एक लड़की व उसके पिता को तैयार कर बापूजी पर यौन-शोषण के झूठे आरोप लगवाये । 80 वर्षीय निर्दोष संत को 31 अगस्त 2013 की अर्धरात्रि को धोखे से गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में डाल दिया गया, जहाँ काँग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे । दूसरा झूठा केस बना गुजरात में जहाँ तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी थे । यहाँ पर भी बापूजी के ऊपर सूरत की महिला से बलात्कार का ही झूठा आरोप लगवाया गया ।
पुलिस सुनने को तैयार नहीं :
संत आसारामजी पर बलात्कार का झूठा आरोप लगानेवाली सूरत की महिला ने गांधीनगर (गुज.) कोर्ट में एक अर्जी डालकर बताया कि उसने धारा 164 के अंतर्गत (बापूजी के खिलाफ) पहले जो बयान दिया था वह कुछ लोगों के डर और भय के कारण दिया था । धमकाकर उससे दुष्कर्म का आरोप लगवाया गया था । अब वह सत्य उजागर करना चाहती है । उसने कई बार इसका खुलासा पुलिस के सामने किया लेकिन पुलिस कुछ सुनने को तैयार नहीं थी । पुलिस कहती थी कि उसका बलात्कारवाला बयान ही माना जायेगा । इसलिए आखिर उसे मीडिया के सामने बोलना पड़ा ।
Asaramji ke Sath Dhokha कैसे बचाओगे :
इस समय ‘बापू जीरो मिशन’ बहुत जोरों पर है । अब देखना यह है कि आसारामजी बापू, जो पिछले 5 दशकों से समाज की सेवा कर रहे हैं, उनको तथा जनता ने अपनी सुख-शांति व आध्यात्मिक उत्थान के लिए जो 425 से अधिक जगहों पर बापूजी के नाम से आश्रमों का निर्माण किया है, उनको जनता कैसे बचाती है ।
इस प्रकार आश्रम से निकाले गये बगावती लोगों, कुछ स्वार्थी राजनेताओं व विदेशी कम्पनियों ने मिलकर हिन्दू संस्कृति को मिटाने के लिए संत आसारामजी की पीठ में छुरा भोंक दिया । जो संत Asaramji ke Sath Dhokha ही नही पुरी मानवता के साथ धोखा है ।
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संत आसाराम बापू की आवाजः
हम चाहते हैं कि सबका मंगल हो । दुर्जनों को भगवान जल्दी सद्बुद्धि दे, नहीं तो समाज सद्बुद्धि दे । जो जिस पार्टी में है… पद का महत्त्व न समझो, अपनी संस्कृति का महत्त्व समझो । पद आज है, कल नहीं है लेकिन संस्कृति तो सदियों से तुम्हारी सेवा करती आ रही है ।
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