Islam | इस्लाम

Category:

Written by Rajesh Sharma

📅 July 2, 2021

इस्लामिक आतंकवाद

– डा.सुब्रमण्यम स्वामी

भारत में हर महीने लगभग 40 आतंकवादी हमले होते थे । अमेरिका के ‘आतंकवाद विरोधी केन्द्र’ के प्रकाशन ‘A Chronology of International Terrorism‘ में बताया गया है कि आज तक जितने आतंकवादी हमले भारत पर हुए हैं उतने आतंकवादी हमले दुनिया के किसी भी देश ने नहीं झेले हैं ।

दुनिया के सभी वो देश, जिन पर इस्लाम ने विजय प्राप्त की , इस्लामी आक्रमण के दो दशकों के भीतर 100% इस्लाम में परिवर्तित हो गए । भारत एक अपबाद है । 800 वर्षों के अत्याचारी बरबर मुसलिम शासन के बाद भी अविभाजित भारत में 75% हिन्दू अबादी थी । कट्टरपंथी मुसलमानों को यही बात आज तक सता रही है कि मुसलमानों द्वारा किए गए वेहिसाब जुल्मों के बाबजूद वो मुसलिम आतंकवादी हिन्दूओं का मनोबल तोड़ने में क्यों सफल न हो पाए । ओसामाविन लादेन की घोषणा थी कि मुसलिम आतंकवादियों का सबसे बडा लक्ष्य भारत है ।

आज इस्लामिक आतंकवाद देश के लिए सबसे गम्भीर खतरा है । मुसलिम आतंकवाद हमारी राष्ट—ीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्यों हैŸ। क्योंकि कट्टरपंथी मुसलमान हिन्दू बहुल भारत को ‘इस्लामी विजय का एक अधूरा अध्याय’ मानते हैं। अब ये मुसलमान वाकी बचे 75% हिस्से पर आतंकवाद को हथियार बनाकर कब्जा करना चाहते हैं ।

गृहयुद्ध की स्थिति

 मुसलिम आतंकवादी हिन्दूओं को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं व भारत के मुसलमान इन हमलों को मौन स्वीकृति दे रहे हैं। मुसलिम आतंकवादियों के विदेशी संरक्षक अब आतंकवादी हमलों को कुछ इस तरह का अन्जाम दे रहे हैं ताकि मुसलमानों को हिन्दूओं के विरूद्ध राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाया जा सके जिससे भारत में सर्विया और वोसनिया की तरह गृह युद्ध छेड़ा जा सके ।

भारतीय जेलो से छोड़े गये आतंकवादी हिन्दुओं का खून बहा रहे हैं :

1999 में आतंकवादियों ने भारतीय विमान सेवा की उडान। उ-814 को अगवा कर कन्धार पहुंचा दिया । सरकार ने न्यायालय से आज्ञा लिए विना ही तीन आतंकवादियों को छोड़ दिया । इन आतंकवादियों को प्रधानमन्त्री के विमान में बिठाकर एक वरिष्ठ मन्त्री द्वारा कन्धार पहुंचाया गया । जहाँ से ये तीनों वापिस पाकिस्तान चले गए । पाकिस्तान जाकर इन तीनों आतंकवादियों ने हिन्दूओं को कत्ल करने के लिए तीन अलग-अलग आतंकवादी संगठन बनाए । मुहम्द हजर ने छोड़े जाने के बाद लश्करे तैयावा की कमान सम्भाली । लश्करे तैयवा वह गिरोह है जिसने श्रीनगर से लेकर बंगलौर तक हिन्दूओं को लहुलुहान करने के लिए बार-बार हमलों को अन्जाम दिया । अजहर ने मध्य 2000 से लेकर अब तक 2000 से अधिक हिन्दूओं का खून बहाया । यही अजहर 13 दिसम्बर, 2001 में संसद भवन पर हुए हमले के लिए भी जिम्मेदार है । तीसरा आतंकवादी जरगर अल-मुझाहिदीन-जंगान की स्थापना करने के बाद डोडा और जम्मू में हिन्दूओं का खून बहाया ।

भारत के खिलाफ मुसलमानों का इस्लामी युद्ध

भारत के खिलाफ युद्ध के लिये भारत में ही मुसलमानों की इस्लामी सेना तैयार हो चुकी है !
केरल और दक्षिण भारत के इस्लामी संगठन ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)‘ की ये सेना भारत कों इस्लामी राष्ट— बनाने की तैयारी कर रही है ।

 * हिन्दू को इसलिए आतंकवाद से मुंह नहीं फेर लेना चाहिए कि अभी तक उसके परिवार का कोई सदस्य इस आतंकवाद का शिकार नहीं हुआ है । आज अगर एक हिन्दू सिर्फ इसलिए मारा जाता है क्योंकि वह हिन्दू है, तो यह सब हिन्दूओं की नैतिक मौत है ।

* मुसलमानों की पहली वफादार मुस्लिम देशों के प्रति हैं, हमारी मातृभूमि के लिए नही। उनकी इच्छा अंग्रेजों के पश्चात् यहाँ अल्लाह का साम्राज्य स्थापित करने की है । – श्रीमति ऐनी बेसेन्ट ( कलकत्ता सेशन 1917 डा बी एस ए सम्पूर्ण वाङ्मय खण्ड, पृष्ठ 272-275)
* मुसलमानों ने 8896 (70%) आतंकवादी खून 2011 में किये – NCTC Report of Terrorism

भारतीय मुसलमानों का राजनैतिक लक्ष्य

सम्पूर्ण भारत हमारी पैतृक सम्पत्ति है और उसका फिर से इस्लाम के लिए विजय करना नितान्त आवश्यक है तथा पाकिस्तान का निर्माण इसलिए महत्वपूर्ण था कि उसका शिविर यानी पड़ाव बनाकर शेष भारत का इस्लामीकरण किया जा सके। – एफ ए. दुर्रानी (पुरुषोत्तम, पृ.51, 53)

भारत जैसे देश को जो एक बार मुसलमानों के शासन में रह चूका है, कभी भी त्यागा नही जा सकता और प्रत्येक मुसलमान का कर्तव्य है कि उस खोई हुई मुस्लिम सत्ता को फिर प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करें – कांग्रेस नेता एवं भूतपूर्व शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद ( बी. आर. नन्दा, पृ. 117) 

आज भी भारत के मुसलमानों, और पाकिस्तान में भी प्रभावशाली गुट हैं, जिनकी अन्तिम मांग पूरे भारत का इस्लाम में धर्मान्तरण है। – हामिद दलवइ (पृ.35)

भारत धर्मनिरपेक्ष क्यों.. ?

* भारत धर्मनिरपेक्ष केवल इसलिए है क्योंकि हिन्दू बहुमत में हैं, न कि किसी कथित सेक्यूलर पार्टी या नेताओं के कारण। (शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी, नवंबर 2006 के एक बयान में)

इस्लाम, प्रजातंत्र और धर्मनिरपेक्षता  में विश्वास नहीं करता, फिर भी यह इस्लामी जिहाद के लिए, धर्मनिरपेक्ष भारत के संविधान का पूरा-पूरा लाभ लेता है। धर्मनिरपेक्ष भारत धीरे-धीरे इस्लाम की भट्टी में झुलसता चला जा रहा है । यह कायान्तरण शान्तिपूर्ण जिहाद बड़ी चतुराई और कूटनीति और संविधान की आड़ में किया जा रहा हैै। 

* स्लाम में धर्मनिरपेक्षता और देशभक्ति दोनो हराम है।  – आजम खान, वर्तमान मंत्री,उत्तर प्रदेश

* हिन्दु समाज ही परिवार नियोजन क्यों अपनाये। यह हिन्दु समाज को बहुमत से अल्पमत में करने की  साजिश है । 

* भारत में यह एक सचमुच गंभीर समस्या है। बहुत कम हिंदू जानते हैं कि इस्लाम क्या है । बहुत कम हिंदुओं ने इसका अध्ययन किया है या इस पर कभी सोचा है। (सर वी. एस. नॉयपाल)

मुसलमानों का नया आतंकवाद – लव जिहाद , लँड जिहाद  

मुसलमानों का नया आतंकवाद – लव जिहाद , लँड जिहाद  लव जिहाद हिन्दू धर्म और राष्ट्र के विरुद्ध एक अघोषित युद्ध है। ‘पाकिस्तान के लष्कर-ए-तोयबा’ नामक आतंकवादी संगठन ने 1996 से लव जिहाद के माध्यम से हिन्दुस्तान में कार्य करना आरंभ किया। इनकी तरफ से ‘लव जिहाद’ के लिए मुसलमान युवकों को बहुत धन व अत्याधुनिक साधन सुविधाएँ दिये जाते हैं। 

केरल पोलिस समीक्षा के अनुसार वर्ष 2006 से 2009 तक लव जिहाद के नाम पर लगभग 4000 हिन्दु युवतियों को फँसाकर धर्म परिवर्तन किया गया। श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री प्रमोद मुतालिक की सूचना के आधार पर कर्णाटक में वर्ष 2009 में 36,000 हिन्दू युवतियाँ लव जिहाद के शिकार बनी।  

विश्वहिन्दू परिषद की सूचना अनुसार वर्ष 2009 तक संपूर्ण भारत में 1 लाख 20 हजार हिन्दु युवतियाँ लव जिहाद की बलि चढ़ाकर मुसलमान बना दी गई।

मलेसिया देश में जुलाई 2010 तक लव जिहाद के माध्यम से 33,000 हिन्दू युवतियाँ धर्मान्तरित हुई। – सावरकर टाईम्स (जुलाई 2010) 

पप्युलर फ्रण्ट ऑफ इंडिया’’ नामक संगठन ‘लव जिहाद’ के माध्यम से केरल राज्य को 20 वर्षों में इस्लाम बहुल बनाना चाहता है। – वी.एस.अच्युतानंदन, तत्कालीन मुख्यमंत्री (केरल) 

इस्लाम पर कडा प्रतिबंध : नमाज व बुर्के पर पाबन्दी

जापान में इस्लाम के प्रचार-प्रसार पर कडा प्रतिबंध है। जापान सरकार यह मानती है कि मुसलमान कट्टरवाद के पर्याय हैं इसलिए आज के इस वैश्विक दौर में भी वे अपने पुराने नियम नहीं बदलना चाहते हैं।

मुस्लिम बहुल तजाकिस्तान की सरकार ने धार्मिक उन्माद को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अट्ठारह साल से कम उम्र के युवकों को मस्जिदों में नमाज़ अदा करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है । तजाक सरकार को विवश होकर यह क़ानून बनाना पड़ा है । 

फ्राँस की सरकार बुर्के जैसी कुप्रथा के खलिाफ सख्त कानून बनायेगी। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने वाली महिलाओं को 700 पाउंड (करीब 51 हजार रुपए) से ज्यादा का जुर्माना देना पड़ेगा। यह जुर्माना राशि उन मुस्लिम पुरुषों के लिए दोगुनी हो सकती है, जो महिलाओं को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करते हैं ।

पवित्र कुरान के पवित्र उपदेश

* फिर, जब हराम के महीने बीत जाऐं, तो ‘मुश्रिको’ को जहाँ-कहीं पाओ कत्ल करो, और पकडो और उन्हें घेरो और हर घातकी जगह उनकी ताक में बैठो । फिर यदि वे ‘तौबा’ कर लें ‘नमाज’ कायम करें और, जकात दें तो उनका मार्ग छोड़ दो । निःसंदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील और दया करने वाला है। (पा0 10, सूरा. 9, आयत 5,2ख पृ. 368)

* हे ‘ईमान’ लाने वालो! ‘मुश्रिक’ (मूर्तिपूजक) नापाक हैं।     (10.9.28 पृ. 371)

* जिन लोगों ने हमारी आयतों का इन्कार किया, उन्हें हम जल्द अग्नि में झोंक देंगे। जब उनकी खालें पक जाएंगी तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसास्वादन कर लें । निःसन्देह अल्लाह प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी हैं।     (5.4.56 पृ. 231)

* अल्लाह ‘काफिर’ लोगों को मार्ग नहीं दिखाता ।(10.9.37 पृ. 374)

* फिटकारे हुए, (मुनाफिक) जहां कही पाए जाऐंगे पकड़े जाएंगे और बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे । (22.33.61 पृ. 759)

* (कहा जाऐगा): निश्चय ही तुम और वह जिसे तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे ‘जहन्नम’ का ईधन हो । तुम अवश्य उसके घाट उतरोगे ।

* ‘अल्लाह ने तुमसे बहुत सी ‘गनीमतों’ का वादा किया है जो तुम्हारे हाथ आयेंगी। (26.48.20 पृ. 943)

* तो जो कुछ गनीमत (का माल) तुमने हासिल किया है उसे हलाल व पाक समझ कर खाओ ।    (10.8.69. पृ. 359)

* हे नबी ! ‘काफिरों’ और ‘मुनाफिकों’ के साथ जिहाद करो, और उन पर सखती करो और उनका ठिकाना ‘जहन्नम’ है, और बुरी जगह है जहाँ पहुँचे । (28.66.9. पृ. 1055)

* यह बदला है अल्लाह के शत्रुओं का (’जहन्नम’ की) आग । इसी में उनका सदा का घर है, इसके बदले में कि हमारी ‘आयतों’ का इन्कार करते थे ।   (24.41.28 पृ. 865)

* निःसंदेह अल्लाह ने ‘ईमानवालों’ (मुसलमानों) से उनके प्राणों और उनके मालों को इसके बदले में खरीद लिया है कि उनके लिए ‘जन्नत’ हैः वे अल्लाह के मार्ग में लड़ते हैं तो मारते भी हैं और मारे भी जाते हैं। (11.9.111 पृ. 388

* उन (काफिरों) से लड़ो ! अल्लाह तुम्हारे हाथों उन्हें यातना देगा, और उन्हें रुसवा करेगा और उनके मुकाबले में तुम्हारी सहायता करेगा, और ‘ईमान’ वालों लोगों के दिल ठंडे करेगा । (10.9.14. पृ. 369) – (अनु. मौहम्मद फारुख खां, प्रकाशक मक्तबा अल हस्नात, रामपुर उ.प्र. 1966)

* कुरान मजीद की पवित्र पुस्तक के प्रति आदर रखते हुए उक्त आयतों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि ये आयतें बहुत हानिकारक हैं और घृणा की शिक्षा देती हैं, जिनसे एक तरफ मुसलमानों और दूसरी ओर देश के शेष समुदायों के बीच मतभेदों की पैदा होने की सम्भावना है। – (ह. जेड. एस. लोहाट, मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट दिल्ली 31.7.1986)

मुसलमानों की बर्बरता का विश्वस्तरीय सर्वेक्षणः

* दुनिया में 7 देश ऐसे हैं जहाँ सरकार आपको नास्तिक/काफ़िर होने के कारण फांसी पर लटका सकती है ।

* पूरी दुनिया में होनेवाले सारे आत्मघाती हमलों का 95% से भी ज्यादा मुसलमानों द्वारा ही किया जाता है ।

* फ्राँस में मुसलमानों की संख्या मात्र 12% होने के बावजूद वहाँ के जेलों में उनकी संख्या 60 से 70% है ।

* मानवाधिकारों पर यूरोपीय सहमती European Convention on Human Rights (ECHR) द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लघंन करने वाले राष्ट्रों की सूचि में तुर्की लगातार तीन सालों से शीर्ष पर है ।

* स्त्रियों के प्रति सांस्कृतिक, जनजातीय और धार्मिक खतरों के मामले में शीर्ष के पांच देशों में चार मुस्लिम बहुल देश हैं ।

* ऐसे अफ्रीकी नागरिकों, जो कि मुसलमानों द्वारा नौकर/बंधुआ मजदूर बनाए गए या उस क्रम में उनकी मृत्यु हो गई, की संख्या अनुमानतः 14 करोड़ से भी ज्यादा है । अकेले मॉरिटानिया में ही 5 लाख से ज्यादा बंधुआ मजदूर हैं ।

कुरान कैसे बनी ?

(1) यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि पैगम्बर मुहम्मद ने अपने जीवन काल में सभी आयतों को संग्रह कर, सम्पादित नहीं किया था । बुखारी (:509) बताते हैं कि पहले खलीफा अबू बकर (632-634 एडी) ने जैद-वि-ताबित, जो कि पैगम्बर का लेखक रहा था, को कुरान संग्रह करने को कहा तो उसने कहा तुम कोई ऐसा काम कैसे कर सकते हो जिसे स्वयं अल्लाह के रसूल के नहीं किया । फिर भी उसने संग्रह किया। मगर जैद का यह संग्रह दूसरे खलीफा उमर के खलीफा काल (634-644 एडी) तक प्रकाश में नहीं आया। वह प्रति उमर की बेटी हफ्जा के पास रही ।

(2) फिर तीसरे खलीफा उस्मान (644-656 एडी) ने 651 में दुबारा जैद सहित तीन अन्य कुरेशों की एक समिति बना दी, तथा कुरान संग्रह करने का आदेश दिया, और कहा कि मतभेद होने पर उन शब्दों को कुरेशी बोली में सम्पादित कर दिया जाए । इस समिति द्वारा व्यंजन व कुरेश बोली आधारित संग्रहीत कुरान को उस्मान ने सब मुख्य शहरों में भेज दिया, और आदेश दिया कि कुरान के अन्य सभी विद्यमान विभिन्न संस्करणों को नष्ट कर दिया जाए ।

(3) कुरान के वर्तमान संस्करण में वही सामग्री है जो कि जैद समिति को खजूर की छालों, पत्थरों, सीगों, चमड़ों आदि पर लिखी मिला, और कुरान याद करने वाले पैगम्बर के साथियों ने बताई । कुछ खजूर-ताल पत्रों पर लिखी सामिग्री को तो पैगम्बर के घरेलू जानवर खा गए (डाष्टी, पृ.28) । फिर पैगम्बर मुहम्मद भी आयतें भूल जाया करते थे (बुखारी 4:558;562, पृ. 508-509)

(4) कुरान के 114 सूराओं का क्रम वहीं नहीं है जिस क्रम में वे अवतरित हुई थी । परन्तु वे लम्बाई के आकार के हिसाब से रखी गई हैं, यानी जो आयतें लम्बी हैं वे पहले, और छोटी बाद में रखी गई हैं ।

(5) कुरान (2 : 105) के अनुसार कुछ आयतें पारस्परिक विरोधी हैं जिन्हें अल्लाह ने बाद में मनसूख (निरस्त) कर दिया और उनकी जगह नासिख (नई) आयतें भेज दीं । आखिर सर्वज्ञ, सर्वव्यापक अल्लाह को अपने संदेशों को बाद में बदलने की ऐसी आवश्यकता क्यों पड़ गई ?

(6) कुरान में कभी अल्लाह एक वचन में तो कभी द्विवचन में बोलता है । अनेक सूराओं में पैगम्बर मुहम्मद और अल्लाह के संवाद में बोलने वाला ही स्पष्ट नहीं है (अली डाष्टी, पृ. 148-151 एवं सूरा 111,113,114) । कुरान का पहला सूरा अल फातिहा एक ईश प्रार्थना है । अत: यह सूरा किसी भी प्रकार अल्लाह का वचन नहीं हो सकता ।

इस्लाम के सिद्धान्त-

इस्लाम के पाँच आधारभूत स्तम्भ या सिद्धान्त हैं-(1) शहदाह, (2) सलह, (3) हज्ज, (4) रोजा और (5) जकात ।

शहदाह –  ला इलाह इल्लल्लाह; मुहम्मदन रसुलिल्लाह 

अर्थात्  यह मानना कि अल्लाह के अलावा कोई दूसरा पूज्य नहीं है, और मुहम्मद उसका रसूल है ।

हज्ज –  सरकारी अनुदान से हज्ज करना गैर-इस्लामी है । भारत के अलावा विश्व का कोई भी राष्ट्र, यहाँ तक कि कोई मुस्लिम राष्ट्र भी, मुसलमानों को हज्ज यात्रा के लिए आर्थिक सहायता नहीं देता हैं ।

जिहाद : इस्लाम की दो मुख्य मान्यताएँ है : अल्लाह और पैगम्बर मुहम्मद में विश्वास रख कर उनकी आज्ञाएँ मानना और तन-मन धन से गैर-मुसलमानों के विरुद्ध तब तक जिहाद करते रहना जबतक कि सारे विश्व के देश इस्लामी राज्य न हो जाएँ ।

पैगम्बर ने यह सुनिश्चित कर दिया था कि लूट-पाट निम्मकोटि का अव्यवस्थित काम न रहे वरन् एक आदर योग्य व अनुशासित संस्था बन जाए जिसको दैवी स्वीकृति मिली हो। 

इस्लाम का उद्देश्य : विश्व के सभी धर्मो को नष्ट करना 

मुहम्मद ने विश्वव्यापी इस्लामी साम्राज्य स्थापित करने का उद्देश्य अपने अनुयानियों के सामने रखा । इस प्रकार इस्लाम राजनैतिक एवं सैन्य शक्ति का साम्राज्यवादी आन्दोलन है जिसके आदर्श पुरुष स्वयं मुहम्मद हैं। जिसका सिद्धान्त, आदर्श और विधि विधान का केवल एकमात्र उद्देश्य विश्व के प्रत्येक देश की सभ्यता, संस्कृति एवं धर्म को नष्ट करके इस्लामी राज्य स्थापित करना है, इसमें चाहे कितने ही वर्ष क्यों न लगें । अत: इस्लाम एक धर्म नियंत्रित राजनैतिक आन्दोलन है जी. एच. जानसेन के अनुसार इस्लाम में धर्म और राजनीति एक ही सिक्के के दो पहलू है।       (मिलिटेंट इस्लाम)

* जब मैं कुरान कि जांच करता हूँ तो पाता हूँ कि बिना किसी संदेह के प्रत्येक मुसलमान पागल या उन्मत्त है, सारी बातों में नहीं वरन केवल धर्म के मामले में । – मार्क ट्वेन(विश्वविख्यात अमेरिकी लेखक)

इस्लाम क्या है ?

इस्लाम की स्थापना, 20 अगस्त 570 को जन्मे, मुहम्मद ने 610 में मक्का, (वर्तमान सौउदी अरेबिया) में की । इस्लाम शीघ्र ही तलवार के बल पर विभिन्न देशों में तेजी से फैलने लगा । इस्लाम में चार प्रकार के मौलिक धर्म ग्रंथ हैं – 

(1 ) कुरान 

(2) हदीस 

(3) मुहम्मद की जीवनी , स्लाम का उदय  

विद्वानों ने मुहम्मद के जीवन वृत को तीन मुख्य भागों में बांटा है। पहला जन्म से चालीस वर्ष (570-622 एडी) तक, जब वे अपने पूर्वजों को मानते थे, दूसरा (610-622 ए. डी. तक) मक्का में अल्लाह के पैगम्बर होने की घोषण करने एवं इस्लाम की स्थापना के बाद का ।      मक्का के प्रभावशाली कुरेशों ने विरोध किया, और अन्त में अपनी जीवन की आशंका को देखते हुए उन्होने दो वर्ष तक आर्थिक और सैनिक शक्ति इकट्ठी की तथा 82 सैनिक अभियानों के बल पर, न केवल मदीना से यहूदियों को निकाल दिया या मार दिया, परन्तु 630 में, पुन: मक्का पर विजय भी प्राप्त कर ली । मुहम्मद मक्का आते ही सबसे पहल काबा के मन्दिर की 360 मूर्त्तियों को स्वयं अपनी देख रेख में तोड़ा एवं समस्त मक्का व अरब क्षेत्र की मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दिया और अरबों को तलवार के बल पर इस्लाम में दिक्षित किया एवं अगले दो वर्षों में मदीना में पहला एक इस्लामी राज्य स्थापित किया । अन्त में 8 जून 632 को, बुखार से उनका निधन हो गया । काबा के प्रसिद्ध मंदिर पर कुरेशों का अधिकार था तथा मानव आकृति में हुबल देवता की मूर्ति को आमिर इन्ब-लूहाय्य ने मैसोपोटामिया से लाकर यहाँ स्थापित किया था ।

*  इस्लाम खून के साथ बढ़ा है। इस्लाम के महान पैगम्बर ने एक हाथ में कुरान लिया और दुसरे हाथ में तलवार । ज्यादातर धार्मिक परिवर्तन इसी तरह से हुए । – अयातोल्लाह खोमेइनी (अगस्त 24, 1979)

(4) इस्लामी शास्त्र का आधार मुहम्मद पैगम्बर 

शिया और सुन्नी दोनों सम्प्रदायों के विधि शास्त्र अलग-अलग हैं। इस्लाम की सारी धार्मिक एवं राजनैतिक मान्यताएं, सिद्धान्त, आदर्श, विधिविधान एवं कुरान आदि का आधार पैगम्बर मुहम्मद हैं क्योंकि कुरान में वे स्वयं अल्लाह का संदेश देते हैं, हदीसों में उनके कर्म, वचन, व्यवहार एवं निर्णय हैं, और जीवनी में वे स्वयं मुसलमानों के आदर्श हैं । अत: सारा इस्लाम मुहम्मद के इर्द-गिर्द की घूमता है । शेख अब्दुल कादिर के अनुसार इस्लाम में एक सौ पचास से कम सम्प्रदाय नहीं हैं । इनके अलावा प्रत्येक देश में इस्लाम के अलग-अलग सम्प्रदाय हैं । 

कौन है महान मुहम्मद ?

कुरान में मुहम्मद द्वारा किये गए हरेक काम को मुसलमानों के लिए आदर्श उदाहरण बताया गया है उसका अनुकरण करना जरूरी है । 

चरित्र –

मुहम्मद की पत्नी आयशा ने कहा कि रसूल के कई औरतों से गलत सम्बन्ध थे । वह दूसरी औरतों को बुला लेते थे और अपनी औरतों के लिए समय और दिन तय कर देते थे । पूछने पर कहते थे, तुम चिंता नहीं करो, तुम्हारी बारी तुम्हीं को मिलेगी । अगर अल्लाह मेरी इच्छा पूरी करता है तो तुम्हें जलन नहीं होना चाहिए । – बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 311(कुरान की सुरा -अहजाब 33 :51 naajil)

‘‘जब पैगम्बर मोहम्मद ने आयशा से विवाह किया तब वह छ: वर्ष की थी’’ (इब्न-ए-माजाह खण्ड 1 पृष्ठ 250) आयशा ने कहा था : ‘‘मेरी आयु नौ वर्ष की थी जब सम्भोग हुआ और मेरी गुड़िया मेरे पास थी।’’ – (मिस्कट खण्ड 2 पृष्ठ 77) 

शव सम्भोग (Necrophilia) –

(वती उल मौती)सन 626 को मुहम्मद की चाची फातिमा की अचानक मौत हो गयी। जब लोग उसकी लाश को दफना चुके तो मुहम्मद ने अपनी जवान चाची के लिए जो महान कार्य किया था वह कोई सोच भी नहीं सकता । मुहम्मद ने अपनी जवान चाची की लाश के साथ सम्भोग किया था ताकि वह जन्नत में जाये – (जामीअल सगीर -वाक्य संख्या -3442) 

आतंकवाद (Terrorism) –

रसूल ने कहा कि, मुझे अल्लाह ने आदेश दिया है कि मैं लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दूँ ,ताकि लोग भयभीत होकर अपने खजाने और सत्ता मेरे हाथों में सौंप दें । बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 220

बाल हत्या (Child Killing) –

अल अतिया अल कारजी ने कहा कि, जब रसूल ने बनू कुरेजा के कबीले पर हमला किया था, तो हरेक बच्चे के कपडे उतार कर जाँच की ,जिन बच्चों के नीचे के बाल (Pubic hair) निकल रहे थे, उन सब बच्चों को कत्ल करा दिया गया । उस वक्त मेरे बाल नहीं उगे थे, इसलिए मैं बच गया था ।  – मुस्लिम -किताब 38 हदीस 4390

इस्लाम में स्त्रियों की दशा –

स्त्रियों का यह मजहबी कर्तव्य है कि वे अधिकाधिक बच्चे पैदा करें इब्न-ए-माजाह खण्ड 1 पृष्ठ 518 और 523 के अपने ‘‘सुनुन’’ में यह उल्लेख है पैगम्बर ने कहा : ‘‘ शादियाँ करो ताकि मेरे नेतृत्व में सर्वाधिक अनुयायी हो जाएँ फलस्वरूप मैं दूसरे समुदायों से ऊपर अधिक  मान्यता प्राप्त कर लूँ’’  मोहम्मद को सबसे अधिक धुन थी कि उनके अनुयायियों की संख्या सर्वाधिक रहे ।

यदि एक पुरुष का मन सम्भोग करने के लिए उत्सुक हो तो पत्नी को तत्काल प्रस्तुत हो जाना चाहिए भले ही वह उस समय सामुदायिक चूल्हे पर रोटी सेक रही हो। – (तिर्मजी खण्ड 1, पृष्ठ 428)    

पैगम्बर ने कहा है : कयामत के दिन एक पति से, उसके द्वारा अपनी पत्नी की पिटाई के विषय में पूछताछ नहीं की जाएगी। (मिस्कट खण्ड 2 पृष्ठ 105)

अल्पावधि शादियाँ 

ये एक प्रकार से अनुबंध आधार पर अल्पावधि शादियाँ हैं और कुछ घंटों के लिए भी हो सकती है (अश्र करवळी, तेश्र. 2, रिसश पे. 686)

सलामा बिन अल-अक्वा कहते हैं : अल्लाह से प्रेरित होकर मैं कहता हूँ .. अगर एक आदमी और एक औरत सहमत हैं ( अस्थायी रूप से शादी के लिए) तो उनकी शादी अधिकतम तीन रातों के लिए वैध होगी, और उसके बाद अगर वे इसे जारी रखना चाहते हैं तो रख सकते हैं, अन्यथा अलग होना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं….Volumn 007, Book 062, Hadith Number 053.

महिला उत्पीडन का विश्वस्तरीय स्तरीय सर्वेक्षण :

* पुरे विश्व में इज्जत से जुड़ी हत्याओं का लगभग 91% भाग मुसलमानों द्वारा किया जाता है । (अमेरिका में 84%, यूरोप में 96%)

* मुस्लिम देश मिस्र कि महिलाओं का हर 200 मीटर पर तकरीबन 7 बार यौन शोषण किया जाता है । उनमें से दो तिहाई से भी अधिक के साथ तो लगभग हर रोज ही यौन दुराचार किया जाता है ।

* मिस्र में 83% स्थानीय तथा 98% बाहर से आनेवाली नारियों नें किसी न किसी प्रकार का सार्वजनिक यौन उत्पीड़न सहन किया ।

* मध्य-पूर्व एशिया (मुस्लिम देशों)में 3 से 6 साल की उम्र में ही 5 में से 4 बालिकाओं के साथ उनके परिवार के सदस्य ही यौन प्रताड़ना कर बैठते हैं ।

* जर्मनी में 34.9% बलात्कार या वैसी ही अन्य घटनाओं में तुर्की (मुस्लिम देश ) नागरिक शामिल पाए गए ।

* गूगल ने पाया कि इन्टरनेट पर यौन सम्बन्धी सामग्रियों को देखनेवाले चोटी के दस देशों में 6 देश मुस्लिम हैं, जिनमें पाकिस्तान सर्वोपरि है । अन्य मुस्लिम देशों में मिस्र दुसरे, ईरान चौथे, मोरक्को पांचवे, सऊदी अरब सातवें एवं तुर्की आठवें स्थान पर हैं ।

* अरबी दुनिया में 10 में से 1 गर्भधारण/गर्भाधान गर्भपात में बदल दिया जाता है ।

* पाकिस्तान में हर छठा गर्भधारण/गर्भाधान निरस्त कर दिया जाता है

* अंतर्राष्ट्रीय योजनाबद्ध पितृत्व संघ द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में ये बात सामने आई कि अरबी दुनिया में वर्ष 1995 से 2000 तक आनुमानिक तौर पर लगभग 70 लाख गर्भपातें कराई गईं ।

* अफगानिस्तान की जवान महिलाऐं घरेलू झगड़ों अथवा प्रताड़नाओं से तंग आकर अपने आप को आग लगा लेती हैं । वहाँ के स्वास्थ्य मंत्री डा0 सुराय दलील ने कहा कि सन 2011 में लगभग 22,000 ऐसी घटनायें हुई ।

जनता की आवाज

* जब तक दुनिया में कुरान रहेगी विश्व में शांति स्थापित होना असंभव है।  – भूतपूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ग्लैडस्टोन। 

* मुसलमानों ! अगर तुमको हमारे धर्म से कोई आपत्ति है तो ऑस्ट्रलिया से बाहर चले जाओ। अगर नमाज पढ़ना है तो अपने घरों में पढ़ो। हमारे सार्वजनिक स्थानों और स्कूलों में नहीं।  –  जूलीया गिलार्ड : ऑस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री

* जड़ से मिटा देंगे इस्लामिक आतंकवाद ।  – डेविड कैमरून (ब्रिटेन प्रधानमंत्री)

* हत्यारे, लुटेरे और व्यभिचारी इस्लाम को मिटा दो, नहीं तो मिट जाओगे। – अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी

* हिन्दू-मुस्लिम एकता एक असंभव कार्य । – डा. भीमराव आंबेडकर 

* मुसलमानों को मजहब के नाम पर विशेष सुविधाएँ चाहिए तो वे पाकिस्तान चले जाएँ इसीलिए उसका निर्माण हुआ है ।  – सरदार वल्लभ भाई पटेल 

* किसी दिन हिन्दुओं को मुसलमानों से लड़ने हेतु तैयार होना चाहिए । –  महर्षि अरविन्द 

* अज्ञानी मुसलमानों का दिल ईश्वरीय प्रेम और मानवीय भाईचारे की शिक्षा के स्थान पर नफरत, अलगाववाद, पक्षपात और हिंसा से कूट कूट कर भरा है । –  स्वामी रामतीर्थ 

* इस्लाम बहुत अलग है, इस लिहाज से कि यह भयंकर रूप से असहनशील है । – जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

* लोग ईस्लाम छोड़ने पर मार दिये जाने से डरते हैं इसलिए ईस्लाम का अस्तित्व है। अगर ईस्लाम धर्मत्यागी सजा का त्याग कर देता तो ईस्लाम का अस्तित्व नहीं होता। – युसुफ-अल करादवी head of muslim Brotherhood and a Leading scholar of sunni Islam (90% of muslim)

धर्मं के नाम पर मुसलमानों द्वारा विभिन्न देशों में हिंसक लड़ाईयाँ

जब तक किसी देश में मुसलमानों की संख्या 2 प्रतिशत के आस-पास या उससे कम होती है तब तक  ये लोग ज़्यादातर एक शांतिप्रिय अल्पसंख्यक माने जायेंगे, न कि अन्य किसी प्रजाति के प्रति खतरे के रूप में । निम्नोक्त देशों में ऐसा ही है : संयुक्त राज्य अमेरिका – 0.06% ,  आस्ट—ेलिया – 1.5% , कनाडा – 1.9% , चाइना – 1.8% , इटली – 1.5% , नॉर्वे  – 1.8%

संख्या 80% हो जाने पर आप हर रोज़ धमकाएँ जाने और धर्मं के नाम पर हिंसक लड़ाईयों तथा सरकार द्वारा संचालित किसी खास समुदाय का संपूर्ण सफाया और यहाँ तक कि किसी जाति विशेष को समूल समाप्त करने वाली प्रवृत्तियों की आशा कर सकते हैं । ऐसा तब होता है जब ये देश अभक्तों/नास्तिकों /काफिरों को बाहर निकाल कर अपने देश को 100% मुस्लिम देश बनाने पर उतारू  हो जाते हैं; जैसा कि निम्नोक्त कई देशों में हो चुका है या होने जा रहा है:- बांग्लादेश –  83% , मिस्र –  90% , गाजापट्टी – 98.7% , इंडोनेशिया –  86.1% , ईरान – 98% ,इराक – 97% , जॉर्डन – 92% , मोरक्को – 98.7% , पाकिस्तान – 97% , फिलिस्तीन – 99% , सीरिया –  90% , ताजीकिस्तान – 90%  , तुर्की – मुस्लिम 99.8% , संयुक्त अरब अमीरात – 96%

0 Comments

Related Articles

Ashtang Ayurved kya hai ? अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? What is Ashtanga Ayurveda ?

Ashtang Ayurved kya hai ? अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? What is Ashtanga Ayurveda ?

आयुर्वेद अपने आप में सम्पूर्ण स्वास्थ्य पद्धति है । यहाँ हम आयुर्वेद और अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? (Ashtang Ayurved kya hai ?) जानेगें तथा इसकी खोज किसने की यह भी ।  ।। आयुर्वेद ।। हिताहितं सुखं दुखमायुस्तस्य हिताहितम् । मानं च तश्च यत्रोक्तम् आयुर्वेद: स उच्यते ।। -...

read more
Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy II योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ

Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy II योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ

यहाँ यह सब जानने को मिलेगा कि योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ (Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy) क्या है क्यों और कैसे किया जाता है । इसकी उत्पत्ति कैसे और किसने की यह सब जानने को मिलेगा । ।। योग विज्ञान ।। I Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy I योग का मूल उद्देश्य चित्तवृतियों का...

read more

New Articles

Ashtang Ayurved kya hai ? अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? What is Ashtanga Ayurveda ?

Ashtang Ayurved kya hai ? अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? What is Ashtanga Ayurveda ?

आयुर्वेद अपने आप में सम्पूर्ण स्वास्थ्य पद्धति है । यहाँ हम आयुर्वेद और अष्टांग आयुर्वाद क्या है ? (Ashtang Ayurved kya hai ?) जानेगें तथा इसकी खोज किसने की यह भी ।  ।। आयुर्वेद ।। हिताहितं सुखं दुखमायुस्तस्य हिताहितम् । मानं च तश्च यत्रोक्तम् आयुर्वेद: स उच्यते ।। -...

read more
Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy II योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ

Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy II योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ

यहाँ यह सब जानने को मिलेगा कि योग- प्राणायाम- ध्यान- यज्ञ (Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy) क्या है क्यों और कैसे किया जाता है । इसकी उत्पत्ति कैसे और किसने की यह सब जानने को मिलेगा । ।। योग विज्ञान ।। I Yog- Pranayam- Dhyan- Yagy I योग का मूल उद्देश्य चित्तवृतियों का...

read more
Sanskriti par Aaghat I संस्कृति पर आघात I Attack on Culture

Sanskriti par Aaghat I संस्कृति पर आघात I Attack on Culture

किस तरह से भारतीय संसकृति पर आघात Sanskriti par Aaghat किये जा रहे हैं यह एक केवल उदाहरण है यहाँ पर साधू-संतों का । भारतवासियो ! सावधान !! Sanskriti par Aaghat क्या आप जानते हैं कि आपकी संस्कृति की सेवा करनेवालों के क्या हाल किये गये हैं ? (1) धर्मांतरण का विरोध करने...

read more
Helicopter Chamatkar Asaramji Bapu I हेलिकाप्टर चमत्कार आसारामजी बापू I Helicopter miracle Asaramji Bapu

Helicopter Chamatkar Asaramji Bapu I हेलिकाप्टर चमत्कार आसारामजी बापू I Helicopter miracle Asaramji Bapu

आँखो देखा हाल व विशिष्ट लोगों के बयान पढने को मिलेगें, आसारामजी बापू के हेलिकाप्टर चमत्कार Helicopter Chamatkar Asaramji Bapu की घटना का । ‘‘बड़ी भारी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भी बिल्कुल सुरक्षित रहने का जो चमत्कार बापूजी के साथ हुआ है, उसे सारी दुनिया ने देख लिया है ।...

read more
Ashram Bapu Dharmantaran Roka I आसाराम बापू धर्मांतरण रोका I Asaram Bapu stop conversion

Ashram Bapu Dharmantaran Roka I आसाराम बापू धर्मांतरण रोका I Asaram Bapu stop conversion

यहाँ आप Ashram Bapu Dharmantaran Roka I आसाराम बापू धर्मांतरण रोका कैसे इस विषय पर महानुभाओं के वक्तव्य पढने को मिलेगे। आप भी अपनी राय यहां कमेंट बाक्स में लिख सकते हैं । ♦  श्री अशोक सिंघलजी, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद : बापूजी आज हमारी हिन्दू...

read more