विकसित देशों ने EVM ka Bahishkar कर दिया है तथा पुनः कागजी मतपत्र प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि स्पस्टता रहे । छेडछाड के बारे मे समझेगें ।
EVM ka Bahishkar | EVM का बहिस्कार | EVM Boycott
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को अमेरिका, जर्मनी, हॉलैंड इत्यादि विकसित देशों में उपयोग में लाया गया लेकिन लगातार आलोचनाओं और न्यूनतम सुरक्षा मानकों पर खरी न उतरने की वजह से उन्हें काबिल नहीं समझा गया । कई चुनावी विवादों में इन मशीनों की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठे और अंततः लम्बी बहस के बाद अमेरिका, जर्मनी, हॉलैंड, आयरलैंड आदि देशों में यह तय किया गया कि प्रत्येक मतदाता द्वारा दिये गये वोट का भौतिक सत्यापन होना जरूरी है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन भरोसेमंद नहीं है ।
सभी विकसित देशों ने पुनः कागजी मतपत्र प्रक्रिया शुरू कर दी है । जबकि इधर भारत में चुनाव आयोग सतत इस बात का प्रचार करता रहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें पूर्णतः सुरक्षित और पारदर्शी हैं तथा इनमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती ।
यह भी पढें- ईवीएम से धोखाधड़ी पकड़ी गयी
EVM का महत्त्वपूर्ण गुप्तकार्य विदेशों से क्यों ?
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की निर्माता कम्पनियों – भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रनिक्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने EVM के माइक्रोचिप के सीक्रेट सोर्स कोड (Secret Source Code) का फ्यूजिंग (Fuesing) का काम विदेशी कम्पनियों सेे आउटसोर्स किया । अब सवाल यह है कि जब हमारे देश में ही योग्य और प्रतिभावान सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो यह महत्त्वपूर्ण काम बाहर से क्यों करवाया गया ?
यह भी पढें- इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन EVM क्या है ?
वोटिंग मशीनों से छेड़छा- EVM ka Bahishkar
सात में से पाँच वोट काँग्रेस को ! महाराष्ट्र के अर्धापुर नगर में पंचायत चुनाव हेतु निर्वाचन अधिकारी डॉ. निशिकांत देशपाण्डे द्वारा सभी राजनैतिक दलों की हाजिरी में चुनाव-प्रक्रिया, मतदान-पद्धति तथा मशीनों की जाँच करने हेतु एक प्रदर्शन (Demonstration) रखा गया था । इसमें जिस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सभी उम्मेदवारों को प्रक्रिया समझायी जानी थी ।
प्रदर्शन के दौरान उस EVM में सात अलग-अलग वोट डाले गये जिसमें से पाँच वोट काँग्रेस के खाते में चले गये । ऐसी घटना दो-बार हुई । काँग्रेस के अलावा सभी राजनैतिक दल हैरान रह गये । निर्वाचन अधिकारी ने किसी तरीके मामले को रफा-दफा किया । यह भी पढें- EVM से छेड़छाड़ के कई तरीके
वोटिंग मशीन का कमाल- EVM ka Bahishkar
हारे हुए पी. चिदम्बरम जीत गये ! 2009 लोकसभा आम चुनाव में शिवगंगा लोकसभा सीट से पी. चिदम्बरम पहली मतगणना में 300 वोटों से हार गये थे । दूसरी बार मतगणना में भी यह अंतर बरकरार रहा । विभिन्न न्यूूज चैनलों ने इसकी खबर भी प्रसारित कर दी थी परंतु चिदम्बरम द्वारा तीसरी बार मतगणना की अपील किये जाने पर आश्चर्यजनक रूप से चिदम्बरम 3354 वोटों से विजयी घोषित हुए थे । विपक्षी उम्मेदवार ने यह शिकायत की थी लेकिन उसका निराकरण अभी तक नहीं हो सका । यह पी. चिदम्बरम का निर्वाचन भी अभी तक संदेह के घेरे में है । For More Information Visit : https://bit.ly/3rTOyJi
Related Artical-
0 Comments