Brahmakumariyon ka Pakhand यह ना ही कोई धर्म बल्कि सिर्फ और सिर्फ एक झूठ, फरेब से काम करने वाला अधार्मिक संगठन है । इसके बारे में लोग क्या कहते हैं यहाँ पढेगें ।
लेखराज की करतूतों को छुपाने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया गया है । वह धर्म के बारे में कुछ भी नहीं जानता, और ना ही किसी धर्म का उसने कभी पालन किया है । – लोबो और कालुमल (न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय हैदराबाद)
ब्रह्माकुमारियों को साक्षात् विषकन्या समझना चाहिए । ये हिन्दू-सभ्यता, इतिहास, शास्त्र, धर्म एवं सदाचार सभी की शत्रु हैं। इनके अड्डे दुराचार प्रचार के केन्द्र होते हैं । – डा. श्रीराम आर्य (लेखक व महान विचारक)
ब्रह्माकुमारियाँ शब्दाडम्बर में हिन्दू जनता को फँसाने के लिए गीता का नाम लेकर अनेक प्रकार के भ्रम मूलक विचार बड़ी चालाकी से फैलाने का यत्न करती हैं। – श्री रामगोपाल शालवाले (लेखक व वरिष्ट आर्य समाजी)
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ईसाईयत की शैतानियत व बाईबल की बकवास
मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच बाईबिल का अध्ययन किया तो तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है । -थामस जैपफरसन (अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति)
मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है। वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है। इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । ईसाईयत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है । – फिलॉसफर नित्शे
बाईबल बर्बर पुस्तक है, जो बर्बर युग में बर्बर लोगों के लिए लिखी गई थी । – डीन फरार
इस्ट(ईसा मसीह) तुम्हें एक उत्तम स्त्री और पुरुष बनाने में सफल न हो सका, तो हम कैसे मान लें कि वह हमारे लिए अधिक प्रयास करेगा, यदि हम ईसाई बन भी जाएं । – डॉ. राधाकृष्णनन् (भूतपूर्व राष्ट्र पति)
सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि में हिन्दुत्व
हिन्दुत्व भारतीय समाज की परम्परा, संस्कृति तथा विरासत की सामूहिक अभिव्यक्ति है ।
देवत्व, विश्वत्व तथा मनुष्यता का संयोग है हिन्दुत्व ।
हिन्दुत्व किसी के प्रति असहिष्णु का भाव नहीं रखता है, यह जीवन का एक मार्ग है ।
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