लेखराज के बाद दूसरा शिव बना वीरेन्द्र देव दीक्षित जिसने अपना अलग से अड्डा बनाकर Brahmkumar Devenra ने Sex Lila रचा ।
Brahmkumar Devenra Sex Lila
वीरेन्द्र देव दीक्षित ब्रह्माकुमारी संस्था माउण्ट आबू से लेखराज का ज्ञान सीखा और अहमदाबाद में रहकर इस पाखण्ड का प्रचार-प्रसार करने लगा । यहाँ बहुत समय बाद वीरेन्द्र्र खुद को शंकर सिद्ध करने लगा । इसके लिये वह खुद की मुरली (जिसे वह नगाड़ा कहता था) सुनाने लगा ।
इसके तमाम अधार्मिक कुकृत्यों के लिये अहमदाबाद की जनता ने इसे खूब पीटा । अहमदाबाद से भाग कर वह पुष्पा माता के पास दिल्ली चला गया । इनके घर एक गरीब चपरासी की 9 साल की लड़की कमला दीक्षित रहती थी ।
वीरेन्द्र कमला के साथ बलात्कार करता रहा और उसे रोज कहता कि मैं तुम्हें जगदम्बा बना रहा हूँ । पुष्पा माता का घर छोड़ दिल्ली में ही प्रेमकान्ता के घर चला गया। यहाँ प्रेमकान्ता का भी बलात्कार करता रहा और इसे भी कहा कि मैं तुम्हें जगदम्बा बना रहा हूँ। वीरेन्द्र लोगों को कहता था कि मैं कामीकांता (कामी देवता) हूँ मेरे पास 8 पटरानियाँ हैं ।
सन् 1973 से सन् 1976 तक तथाकथित शिव बनकर इन लड़कियों को पटरानी बनाकर सहवास करता रहा ।
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सन् 1976 में वीरेन्द्र ने एडवांस पार्टी नामक संगठन खड़ा किया तथा ‘आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविघालय’ चालू किया। सन् 1976 में उत्तर प्रदेश के कम्पिल गाँव (जिला-फर्रुखाबाद) में एक आश्रम बनाया ।
वीरेन्द्र लोगों को कहने लगा कि लेखराज मेरे शरीर में आ गये हैं और मैं कृष्ण की आत्मा हूँ इसलिए मुझे 16,108 गोपियों की जरुरत है। आश्रम में आती जवान औरतों के साथ बलात्कार करना चालू किया ।
लेखराज की तरह वीरेन्द्र ने भी घोर अनैतिकता व पाखण्ड फैलाया । जिसके लिये फर्रुखाबाद की युवा शक्ति, मिसाइल फोर्स, रेड आर्मी आदि की महिला संगठनों ने इन कुकृत्यों के खिलाफ आन्दोलन किया।
सन् 1998 में बलात्कार के केस में वीरेन्द्र व उसके साथियों को 6 महीने तक जेल में रहना पड़ा । इसी दौरान आयकर वालों ने इसके आश्रम में छापा मारकर 5 करोड़ रुपये जब्त किये ।
इन अधर्मियों का भंडाफोड़ आवश्यक है ।
करते रहिए
बहुत सही पर्दाफास किया आपने