Tin Krishi Kanoon का मकसद मंडी व्यवस्था को खत्म करके जनता को महंगाई का कटोरा तोहफे में दिया । यह गुलामी धोखे से कोरोना की आड में दिया गया ।
Tin Krishi Kanoon– Meaning of Three Agricultural Laws
गुलामी : तीनों कृषि कानून का मकसद मंडी व्यवस्था को खत्म करना तथा भारत के खाद्यानों को पूंजीपतियों के हाथ में देना है । यह कानून तमाम कानूनी प्रक्रिया को खत्म करता है । न्यायपालिका की इस विषय में कोई भूमिका नहीं रह जायेगी ।
कोरोना की आड़ में किसानों की आँखों में सूआ भोंका तथा जनता को महंगाई का कटोरा तोहफे में दिया । मिस्टर अंबानी का कृषि भंडारण गोदाम कानून पास होने के कई साल पहले से बनाया जा रहा था ।
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धोखा : आज खेती की हालत ऐसी है कि उससे जीवन यापन कर पाना मुश्किल है । मेहनत किसान करता है, मालामाल कोई और होता है । फसल बीमा के नाम पर कम्पनियों को फायदा दिया जा रहा है । सरकार, किसान और मजदूरों पर विश्व व्यापार संगठन की नीतियाँ थोपकर, उनकी बर्बादी का खेल देखती है । किसान कर्ज में डूबता जाता है और अन्त में फाँसी का फंदा चूम लेता है ।
राजसत्ता बड़ी चालाकी से अंबानी, टाटा, कोका-कोला आदि विशाल कम्पनियों के साथ खड़ी है । किसानों की MSP धीरे-धीरे खत्म करने के लिए 2001 में WTO की संधि-पेपर पर साइन किये गये ।
दृढ़ संकल्पी जीतता है : ऐसा नहीं है कि समस्यायों का हल नहीं होता, होता है, बस संगठित रूप से कमर कसकर खड़ा होने की देरी होती है । सन् 2011 में न्यूयार्क के आस-पास कंपनियों द्वारा 3,000 वर्ग मीटर जमीन कब्जा की गयी ।
लोग एक-एक करके खड़े होने लगे जिससे ‘ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट आंदोलन’ की शुरुआत हो गयी । यह आंदोलन रूप बदलकर वित्तीय आतंक वाद व सरकारी नीतियों के खिलाफ इतना विशाल हो गया कि करीब 84 देशों के 900 शहरों में फैल गया ।
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