(Special Economic Zones) SEZ ka Aatank खुलेआम दिख रहा है खनिज संसाधनों की लूट तथा जमीन से सदा के लिए मालिकाना हक से बेदखल करना यह बहुत बजी चाल है ।
SEZ है न्यू ईस्ट इंडिया कम्पनी
सेज (Special Economic Zones) बनाने के नाम पर अधिगृहीत खनिज संसाधनों की लूट, प्रदूषण तथा लोगों को जमीन से सदा के लिए मालिकाना हक से बेदखल करना । सन् 2005 से आज तक सैकड़ों सेज भारत में बन गये है ।
हमने इतिहास से सबक नहीं लिया, सेज बनाकर हम ईस्ट इंडिया कम्पनी की नयी कोठियाँ तैयार कर रहे हैं । इसके प्रावधान वही हैं जो ईस्ट इंडिया कम्पनी के थे । मई 2012 तक 3 करोड़ 20 लाख हेक्टेयर से 8 करोड़ 20 लाख हेक्टेयर के बीच वैश्विक कृषि भूमि कॉर्पोरेटों के नियंत्रण में है ।
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SEZ ka Aatank- जमीन छीनने का कानून
सन् 2005 में सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) बनाने का कानून बना । 120 साल बाद सन् 2014 में अंग्रेजों वाले कानून से और मजबूत नया ‘भूमि अधिग्रहण’ कानून लागू किया गया । ‘भूमि अधिग्रहण’ का मतलब होता है कुदरती संसाधनों पर चलने वाली आजीविकाओं का विनाश । अभी तक लाखों एकड़ जमीन किसानों की छीनी जा चुकी है । वर्तमान में अधिगृहित जमीन का 40 से 60 फीसदी खाली पड़ा है ।
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