Udarikaran aur Vaisvikaran के इस महान नारे के साथ देशों का किस तरह शोषण व गुलाम बनाया जा रहा है, यह समझने का प्रयास हम यहाँ करेगें ।
Udarikaran aur Vaisvikaran | Leberlization and Globalization
शोषण व गुलामी:
Udarikaran aur Vaisvikaran के दौर में पूंजीवाद आज दुनिया का भला कम, नुकसान ज्यादा कर रहा है । उदारीकरण-वैश्वीकरणवाद हमें शोषण व गुलामी की ओर ले जाते हैं । सामाजिक, न्यायिक, शिक्षा, कृषि आदि सभी जगहों पर यह घातक सिद्ध हुआ हैै । आज छोटे उद्योगों को बड़े उद्योग खा रहे हैं । भ्रष्टाचार, अपराध, बेरोजगारी आदि का मूल कारण है उदारीकरण, विदेशी पूंजी और विदेशी संस्कृति का हमला । राष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा लूट आज अपनी चरम सीमा पर है ।
सरकारी खजानों की लूट:
सरकारी खजानों की लूट चौकीदार नेताओं के सामने खुलेआम होती है । मार्च 2017 तक 5 सालों में सार्वजनिक क्षेत्र में बैकों में कुल 61,260 करोड़ रुपयों का कर्ज दिया गया, जालसाजी के 8,670 मामले पकड़े गये । 9,339 कर्जदारों ने जानबूझकर 1,11,738 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया । जबकि इन कार्पोरेटों को उद्योग खड़ा करने के लिए लोन दिया गया था ।
पिछले 6 सालों में जनता का 7.50 लाख करोड़ रुपये कार्पोरेट कम्पनियों को दिये गये, जिसका लेन देन का लिखित रिकार्ड बैंकों से गायब कर दिया गया है । मार्च 2020 तक 61,949 करोड़ रुपये 10 सबसे शीर्ष कार्पोरेट कम्पनियों को दिये गये । इस लूट में मेहुल चौकसी का नाम भी शामिल है । भारत में 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये का NPA रेल, हवाई अड्डा आदि निजीकरण करने वाली कम्पनियों के पास है ।
Udarikaran aur Vaisvikaran में सरकार समाप्त :
Udarikaran aur Vaisvikaran के दौर में सरकारी व्यवस्थायें नष्ट करके, बिना जनता द्वारा चुने हुए बोर्ड और कमीशन का निर्माण चालू करना, एजेंडा-21 का गुप्त हिस्सा है । भारत में 277 पब्लिक सेक्टर (PSU) हैं जिसमें लगभग 25 PSUको छोड़कर सभी को निजी क्षेत्र में देने की सरकार की मंशा है । अभी तक 2 दर्जन से ऊपर का निजीकरण हो चुका है ।
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