आये दिन हिन्दू Santon Par Atyachar Kyon होते हैं । धर्मांतरण जारी रखने के लिए मिशनरियाँ हिन्दू संतों को पर षडयंत्र रचती रहती हैंं ।
Santon Par Atyachar Kyon । संतों पर अत्याचार क्यों ?
आये दिन सिर्फ और सिर्फ हिन्दू संतों के खिलाफ किये जाने वाले षड्यंत्र और विभिन्न झूठे मामलों में उन्हें बदनाम करके फँसाने व उन पर की जा रही कार्यवाई एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं । वेटिकन को अपना धर्मांतरण मिशन जारी रखने के लिए निर्बाध रास्ता चाहिए होता है। वेटिकन चर्च उस प्रत्येक संस्था से हाथ मिलाकर व सहयोग करके चलता है जो उसके उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक होते हैं फिर चाहे वे राष्ट्रविरोधी एन.जी.ओ. हों, राजनेता हों या शोषण करने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ।
जब हिन्दू संतों को बदनाम करना होगा या समाचार चैनलों को खुद की दर्शक संख्या (टी.आर.पी.) बढ़ानी होगी उस समय तो उनके एंकर चीख-चीखकर टी.वी. का पर्दा फाड़ देंगे लेकिन जब वही संत अदालतों द्वारा बेदाग बरी कर दिये जाते हैं उस समय वही मीडिया अपने मुँह में दही जमाकर बैठ जाती हैं। माफीनामा भी पेश करते हैं तो चुपके-चुपके ।
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नित्यानंद की सेक्स सी.डी. फर्जी पाये जाने पर न्यायालय ने मीडिया को जमकर लताड़ लगाई थी, उनसे माफीनामा भी दिलवाया गया । पुदुचेरी की एक अदालत ने शंकर रमन हत्याकांड मामले में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को निर्दोष बरी कर दिया । संत आसारामजी बापू पर तांत्रिक विधि के आरोप लगे, जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए क्लीनचिट दी थी फिर भी मीडिया इस पर चुप्पी साध गई ।
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ईसाई पादरी व धर्मान्तरणः
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक भारत में ईसाई मिशनरी संस्थाओं का जमीन पर कब्जा क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे अधिक है। ‘चर्च’ के पास 52 लाख करोड की भू-सम्पत्ति है । भारत में चर्च की कुल सम्पत्ति 13 लाख 71 हजार करोड़ है जिसमें खाली पड़ी ज़मीन शामिल नहीं है । ईसाई मिशनरियाँ छल कपट व लोभ-लालच के बल पर भोले-भाले हिन्दुओें का धर्मान्तरण कर रही हैं। अनेक पादरी बालकों के यौन शोषण में पकड़े जाते हैं व ननें गर्भवती हो जाती हैं। आज देश की दुर्दशा को देखते हुए हिन्दू संत अब धीरे-धीरे मुखर होने लगे हैं जिससे जनता जाग्रत हो रही है इसलिए इन संतों पर गाज गिरने लगी है ।
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