भारत में चर्च की भूमिका काफी आक्रामक है । उनकी ‘‘इंडिया विल बी क्राइस्ट लैंड’’ घोषणा के तहत Bharat Gulam BananeKi Sajis चल रही है ।
Bharat Gulam BananeKi Sajis में सरकार की भूमिका
भारत पोप के लिये सबसे ‘सस्ता बाजार’ है । IBMR की रिपोर्ट के अनुसार भारत में किसी भी गरीब को ईसाई बनाने का खर्च दुनिया के किसी विकसित देश के मुकाबले 700 गुना सस्ता है । ‘चर्च’ दुनिया की सबसे बड़ी रोज़गार निर्माता ‘कम्पनी’ है । चर्च और पोप की सत्ता जिस ‘प्रोफेशनल’ तरीके से काम करती है, उसे देखकर बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनियाँ भी शरमा जाय । जिस तरह बड़ी-बड़ी कम्पनियों में ‘बिजनेस प्लान’ बनाया जाता है, उसी तरह रोम में ईसाई धर्म के प्रचार के लिये ‘वार-प्लान’ बनाया जाता है ।
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ईसाई पोप का नाराः
भारत में मतांतरण को लेकर चर्च की भूमिका काफी आक्रामक है । ‘‘इंडिया विल बी क्राइस्ट लैंड’’ यह उनकी पुरानी घोषणा है जिसके तहत संतों व संस्कृति को मिटाने का कार्य किया जा रहा है। भारतीयों को गुलाम बनाये रखने के लिए ब्रिटिश संसद में पास किया गया भारतीय संविधान, जो कि आज तक सिर्फ एक अधिनियम है, सत्ता लोलुप काले अंग्रेजो द्वारा चलाया जाता रहा है। ऐसी स्थिति में शोषण व अत्याचार होता ही रहेगा तथा संतो, मंदिरों, गाय व भारतीय संस्कृति का संरक्षण व विकास असम्भव है ।
नागालैंड, मिजोरम आदि से हिन्दुओं व उनके मंदिरो को नेस्तानाबुद कर दिया गया है । अगली कड़ी में उड़ीसा, केरल, आंध्र व तमिलनाडु में भी ऐसी स्थिति बनाई जा रही है । आज तक सरकार द्वारा 42 लाख 50 हजार मंदिरों का अधिग्रहण हुआ है, साथ ही संतों, समाज सेवकों आदि को जेल में रखा जा रहा है। सरकार द्वारा हर साल करोड़ों पशुओं का कत्ल कर मांस निर्यात को बढावा दिया जा रहा है ।
श्री लाल बहादुर शास्त्री, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे सत्यनिष्ठ लोगों ने शासन व्यवस्था सँभाली लेकिन उसके बाद क्या ? विदेशी कम्पनियों द्वारा लूट, निर्दोषों को जेल, हिन्दी भाषा का पराभव किया जा रहा है । इन सबके लिए जिम्मेदार आज का संविधान, लागू अंग्रेजी व्यवस्था व कानून है । शासक बदलने से विकास नहीं होगा भारतीय भूमण्डल के अनुसार व्यवस्था, नीतियाँ बनाकर उसपर चलने से तथा भारतीय संस्कृति का अनुकरण कर संतों के मार्गदर्शन में चलने से ही सब कुछ ठीक होगा।
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