स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामसुखदास, स्वामी केशवानंद, बाबा रामरहीम, स्वामी अमृतानंद आादि Santon par Atyachar व उन पर लगाये घृणित आरोप ।
Santon par Atyachar- 2 | संतों पर अत्याचार- 2 | Atrocities on Saints – 2
(9) स्वामी शांतीकालीजी की गोली मारकर हत्या
स्वामी शांतीकालीजी महाराज कई वर्षों से त्रिपुरा के पहाड़ी क्षेत्रों में जनजातीय समाज में शिक्षा व संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे थे । वे ईसाई मिशनरियों की धर्मांतरण की गतिविधियों में बाधक बन रहे थे । ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ नामक ईसाई संगठन ने उनके आश्रम में घुसकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी । हत्या से पहले चर्च के आतंकवादियों ने उनसे हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई बनने के लिए कहा परन्तु स्वामी जी ने ईसाई बनने से मना कर दिया ।
उत्तर प्रदेश के कृपालु जी महाराज एक सुप्रसिद्ध हिन्दू आध्यात्मिक प्रवचनकर्ता थे । उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा में इतिहास रचा है । उन पर 85 वर्ष की उम्र में सन् 2007 में त्रिनिदाद में एक 22 साल की युवती के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया जो कि निराधार साबित हुआ । उन्होंने जगद्गुरु कृपालु परिषद् के नाम से विख्यात एक वैश्विक हिन्दू संगठन का गठन किया था ।
(11) स्वामी रामसुखदास पर लगाये अनर्गल आरोप
स्वामी रामसुखदासजी का सम्पूर्ण जीवन गीतामय था । समाज में उन्होंने ज्ञानयोग, भक्तियोग, निष्काम कर्मयोग की त्रिवेणी बहायी । साधकों भक्तों ने उनसे प्रेरणाएँ लीं । जब रामसुखदासजी के ऊपर षड्यंत्रकारियों ने कई घिनौने आरोप लगाये थे तब उन महापुरुष ने अन्न-जल का त्याग कर दिया था जिसे देख कर उनके अनुयायी काफी दुःखी हुए तथा उन्होंने एक युक्ति निकाली कि जो भी उनके स्वामीजी की निन्दा करता उसके मुँह पर थूँकते व जूता सुँघाते । निन्दक डर गये और निन्दा बन्द कर दी । इस प्रकार निन्दा करने वालों को मुँंह तोड़ जवाब दिया । ऐसे गुरुभक्तों को तो साधुवाद है जिन्होंने अपने स्वामीजी के विषय में कुछ भी अनर्गल सुनना पसंद नहीं किया और कुप्रचारकों को मुंँहतोड़ जवाब दिया ।
(12) निर्दोष स्वामी केशवानंद को जेल
द्वारिका के प्रसिद्ध संत स्वामी केशवानंद पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया गया था । साजिशकर्ता राजनेता और पुलिस अधिकारी आपस में मिल गये थे । स्वामीजी ने 12 साल की सजा में से 7 साल जेल में बिताये । सच्चाई सामने आयी, तब उन्हें निर्दोष घोषित किया गया । षड्यंत्र में शामिल पुलिस अधिकारी को चीता ने चबा डाला ।
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Santon par Atyachar आज से नही बहुत पहले से देखने को मिलेगा- स्वामी विवेकानंदजी जब अमेरिका में सनातन धर्म की महिमा गाकर भारत का गौरव बढ़ा रहे थे तब वहाँ ईसाई मिशनरियों के इशारे पर कुछ हिन्दुओं ने ही उनकी निंदा करना व कुप्रचार करनेवालों को सहयोग देना शुरू कर दिया जिनमें मुख्य थे वीरचंद गांधी और प्रतापचन्द्र मजूमदार । प्रतापचन्द्र मजूमदार ईसाई मिशनरियों की कठपुतली बन गया । ‘विवेकानंदजी एक विषयलम्पट साधु, विलासी युवान और हमेशा जवान लड़कियों के बीच रहनेवाला चरित्रहीन पुरुष है’ – ऐसा अमेरिका के प्रसिद्ध अखबारों में लिखने लगा । इन दुष्प्रचारकों ने विवेकानंदजी के भक्तकी नौकरानी का विवेकानंदजी के द्वारा यौन-शोषण किया गया ऐसी मनगढ़न्त कहानी भी छाप दी ।
जिस भवन में स्वामी विवेकानंदजी का प्रवचन होता उसके सामने वे लोग एक अर्धनग्न लड़की के साथ विवेकानंदजी के फोटो के पोस्टर भी लगा देते थे फिर भी स्वामी विवेकानंदजी के अमेरिकन भक्तों की श्रद्धा वे हिला न सके । प्रतापचन्द्र मजूमदार भारत आया और उनकी निन्दा करने लगा । विवेकानंदजी पर ठगी व अनेक स्त्रियों का चरित्रभंग करने के आरोप लगाने लगा । ‘स्वामी विवेकानंदजी भारत के सनातन धर्म के किसी भी मत के साधु ही नहीं हैं’ ऐसे झूठे आरोप करने लगा था ।
(14) बाबा रामरहीम पर यौनशोषण के फेंकू आरोप
सिरसा, हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरुमीत रामरहीम सिंह समाज में सत्संग और सेवा की महक फैला रहे हैं । बाबा पर सन् 2008 में यौन शोषण का आरोप लगाकर केस चलाया गया जबकि वे निरपराध साबित हुए । उनकी बनायी एम.एस.जी. फिल्म को रोकने में हिन्दु विरोधियों ने पुरी ताकत लगा दी थी।
(15) स्वामी अमृतानंद के मुँह में ठूँसा गौमांस
Santon par Atyachar की दर्दनाक गाथा- शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं का उत्पीड़न व पलायन रोकने, विस्थापित हिन्दुओं को न्याय व अधिकार दिलाने तथा कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में जाने को प्रेरित करने के कार्य में संलग्न थे । सन् 2008 में उन पर आतंकवादी होने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें मुम्बई पुलिस ने जेल में डाल दिया । मीडिया में इनका झूठा नाम दयानंद पाण्डेय प्रचारित करवाया गया । पुलिस द्वारा इनके भगवा कपड़े नष्टकर, नग्न व गीला रखकर बिजली के झटके दिये गये । उनकी धार्मिक पुस्तकें पैरों से रौंदकर गटर में फेंक दी गईं । बेहोश होने तक मारा-पीटा गया । मुँह में गौमांस ठूँसा गया । पुलिस द्वारा अपराध स्वीकार कराने के लिए जबरदस्त दबाव बनाया गया जबकि स्वामीजी के विरुद्ध मुम्बई पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे फिर भी उन्हें जेल में डाल दिया गया।
(16) 4 दिसम्बर 2005 को जगद्गुरु श्री नरेन्द्राचार्यजी महाराज का धर्मदण्ड हवाई जहाज से ले जाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया । उस समय हवाई अड्डे पर एकत्रित हुए भक्तों को अत्यन्त भीषणता से पीटा गया ।
(17) सनातन संस्था, महाराष्ट्र के संस्थापक पूज्य डॉ. जयन्त आठवलेजी बीमारी के कारण 4 वर्षों से बिस्तर पर हैं । इसके बावजूद भी उनके ऊपर समाज को भड़काने का आरोप लगाकर 8 जनवरी 2010 को पुलिस केस किया गया ।
(18) महाराष्ट्र के संत ईश्वरबुवा रामदासी पर एक शराबी व्यक्ति द्वारा चरित्र हनन के आरोप लगाये गये । भूमि के विवाद का कारण लेकर कांग्रेस के एक नेता ने संत के विरुद्ध एक महिला को झूठी शिकायत लिखवाने के लिए बाध्य कियाऔर जून 2013 को संत ईश्वरबुवा रामदासी को मध्यरात्रि को गिरफ्तार कर लिया ।
(19) आचार्य सुधांशु महाराज पर अर्थ संबंधी मिथ्या आरोप लगाये गये ।
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