New World Order Kya है, इनकी परिकल्पना, उदेश्य व रणनीति पर बिचार करेगें है । इनके गुप्त षडयंत्र आज देश समाज को दिख रहे हैं ।
New World Order Kya Hai | न्यू वर्ल्ड ऑर्डर क्या है ?
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मुख्य तौर पर गुप्त रूप से उभरती हुई तानाशाही (Dictatorship) विश्व सरकार की परिकल्पना है । जिसके लिए पिछली दो शताब्दियों के अधिकांश प्रमुख युद्धों में, गुप्त रूप से आयोजित घटनाओं को अंजाम देने और जानबूझकर अर्थव्यवस्थाओं में हेरफेर करते आये हैं । फेडरल रिजर्व सिस्टम, विदेश संम्बंध परिषद, त्रिपक्षीय आयोग, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि संगठनों के माध्यम से लोगों को नियंत्रित किया जाता है । यह एक गुप्त समूह है, जो दुनिया पर शासन करने की साजिश कर रहा है । जिसके लिए इन्होंने अपना उद्देश्य निश्चित किया है ।
1. केन्द्र संचालित विश्व सरकार हो
2. विश्व सरकार की अपनी सेना हो
3. विश्व सरकार की अपनी मुद्रा हो
4. विश्व सरकार के द्वारा ही शिक्षानीति, अर्थनीति, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक नीतियों का निर्धारण हो ।
5. विश्व के सभी धर्म नष्ट हों और लोग शैतान परस्थ हों ।
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न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के विषय में प्रमुख हस्तियाँः
11 सितंबर सन् 1990 में अमेरिकी काँग्रेस के एक संयुक्त सत्र के दौरान दिए गए ‘टुवर्ड ए न्यू वर्ल्ड ऑर्डर (New World Order) के अपने भाषण में, राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने सोवियत संघ के राज्यों के साथ शीत युद्ध के बाद के वैश्विक शासन के लिए अपने उद्देश्यों का वर्णन किया था । उन्होंने कहा था कि ‘‘अब तक हम जिस दुनिया को जानते हैं, वह एक ऐसी दुनिया है जो विभाजित है, कांटेदार तार और कंक्रीट ब्लॉक, संघर्ष और शीत-युद्ध की दुनिया । अब हम एक नई दुनिया को देख सकते हैं, एक ऐसी दुनिया जिसमें एक नई विश्व व्यवस्था की बहुत वास्तविक संभावना है ।’’
10 फरवरी सन् 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा में दिए भाषण में New World Order की जमकर वकालत की, उन्होंने कहा कि ‘कोरोना के बाद भी एक नया वर्ल्ड ऑर्डर नजर आ रहा है, ऐसी स्थिति में भारत विश्व से कटकर नहीं रह सकता है, हमें भी मजबूत प्लेयर के रूप में उभरना होगा ।’
सन् 1950 में जेम्स वारबर्ग (बैंकर और लेखक), संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट कमेटी ऑन फॉरेन रिलेशंस के समक्ष उपस्थित हुए, उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि ‘हमारे पास विश्व सरकार होगी, चाहे हम इसे पसंद करें या नहीं । अब सवाल केवल यह है कि क्या विश्व सरकार सहमति से या विजय से प्राप्त होगी ?’
इस New World Order में दुनिया के प्रमुख ताकतवर समूह/घराने ये तय करेंगे कि कौन सा देश कैसे चलाना है, किस देश की अर्थव्यवस्था का हाल कैसा होगा । न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के खिलाफ चलने वाले देशों पर प्रतिबन्ध और उनकी नकेल कसी जा रही है । जो अभी तक गुप्त रूप से हो रहा था वह अब खुले आम होगा ।
विश्व में बढ़ता भूमंडलीकरण, निजीकरण, उदारीकरण और एफ. डी. आई. (F.D.I.) आदि भी इसी एजेंडे की देन हैं । आयात निर्यात पर नियंत्रण, प्राकृतिक संसाधनों को खत्म करने तथा जैविक और रासायनिक हथियारों का उपयोग, बहुराष्ट्रीय कम्पनी (MNC) का प्रभुत्व, मौसम व पर्यावरण संम्बंधी आपदाओं (HAARP, Chemtrails) आदि को नियंत्रित करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है । लोगों के मन पर नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण, भोगवाद, निगरानी का दुरुपयोग आदि बड़ी चालाकी से किया जा रहा है ।
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New World Order Kya Hai का संगठनात्मक ठांचाः
New World Order (न्यू वर्ल्ड आर्डर) की परिकल्पना को साकार करने के लिए सन् 1913 में यू-एस फेडरल रिजर्व सिस्टम का गठन किया गया, सन् 1944 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), सन् 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ (UN), सन् 1945 में विश्व बैंक (World Bank), सन् 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), सन् 1993 में यूरोपीय संघ (EU) और यूरो मुद्रा, सन् 1998 में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization), और सन् 2002 में अफ्रीकी संघ (African Union) और सन् 2008 में दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र संघ (Union of South American Nations) का गठन भी इसी वर्ल्ड आर्डर का हिस्सा है ।
विश्व के चुनिंदा शक्तिशाली नेताओं, अमीरों, औद्योेगिक समूहों जिसे सीक्रेट सोसाइटी कहते हैं वे लोग न्यू वर्ल्ड आर्डर एजेंडे के लिए उपर्युक्त सभी संगठनों को शक्तिशाली औजार (टूल) की तरह उपयोग कर रहे हैं । ये गुप्त समूह जब चाहे इन संगठनों के बल पर किसी भी संप्रभु राष्ट्र की दिशा और दशा मनचाहे रूप में आराम से बदल सकते हैं ।
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