राष्ट्रीय सलाहकार परिषद Soia ki Rashtradrohi Parishad है । इन कट्टरपंथी लोगों का एक मात्र उद्देश्य हिंदू संस्कृति को नष्ट करना है ।
Soia ki Rashtradrohi Parishad | Sonia’s Anti-National Council
भारतीय कानून के अंतर्गत सोनिया प्रधानमंत्री नहीं बन सकती है तो फिर उन्होंने पिछले दरवाजे से देश पर शासन करने का षड्यंत्र रचा। इसलिए सोनिया के नेतृत्व में ‘राष्ट्रीय सलाहकार परिषद्’ नामक एक संस्था का गठन किया गया । यह अंध विश्वास से ग्रस्त कट्टरपंथी लोगों का राष्ट्र-द्रोही परिषद् है जिनका एक मात्र उद्देश्य है हिंदू संस्कृति को नष्ट करना । उनकी भारतीय संस्कृति से शत्रुता और हिंदुत्व से घृणा जग जाहिर है । सोनिया के नेतृत्व में ‘सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक’ बनाया गया है ।
क्या आप सोचते हैं कि इस परिषद् के तीस्ता सीतलवाड, शबनम हाशमी, सैयद शहाबुद्दीन, हरीश मंडार, असगर अली इंजीनियर, कमल फारुखी, मौलाना नियाज फारुखी, फराह नकवी, नाजमी वजीन, जान डयाल, राम पुहनयानी, इत्यादि जो सभी हिंदुओं से घृणा करने वाले हैं, उनके द्वारा प्रस्तावित यह मसौदा (प्रारूप) क्या हिंदू हित में होगा ? यह विधेयक यह सोचकर बनाया गया है कि साम्प्रदायिक हिंसा केवल बहुसंख्यक समाज ही करता है, अल्पसंख्यक समाज साम्प्रदायिक हिंसा नहीं करता । इस विधेयक के अनुसार हिंसा के लिए दोषी सिर्फ बहुसंख्यक हिंदू ही होंगे और सजा भी केवल हिंदुओं को ही मिलेगी ।
– हिंदू वाइस, जून 2011
राहुल तथा सोनिया की रहस्यमयी विदेश यात्रायें
इण्डिया टुडे ने ‘सूचना का अधिकार’ (R.T.I.) कानून के अंतर्गत लोकसभा सचिवालय में एक आवेदन देकर पूछा : ‘‘सचिवालय को 14 वीं और 15 वीं लोकसभा के दौरान सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी की विदेश यात्राओं के बारे में कितनी बार जानकारियाँ निवेदन प्राप्त हुए ?’’
इस पर लोकसभा सचिवालय के सचिव श्री के.सोना ने अपने 4 जुलाई 2011 के जवाब में लिखा ‘एक बार भी नहीं ।’ वर्ष 2004 से जब से यूपीए सरकार केंद्र में आयी है , सोनिया और राहुल ने अपनी सरकारी और निजी विदेश यात्राओं के बारे में लोकसभा सचिवालय को अवगत नहीं कराया है।
हिसार के सूचनाधिकार कार्यकर्ता रमेश कुमार ने फरवरी 2010 में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आवेदन देकर सोनिया गाँधी की विदेश यात्राओं और उन पर हुए खर्चों का ब्यौरा माँगा । कैबिनेट सचिवालय ने 8 जुलाई 2011 के अपने जवाबी- पत्र में लिखा है कि आवेदन को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा जा रहा है।
राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने भी रमेश कुमार को भेजे गए पत्र में यह कहते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए हैं कि परिषद् के पास परिषद् की अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा की गई विदेश यात्राओं पर हुए खर्चों के विवरण की कोई सूचना नहीं है । – इण्डिया टुडे, 10 अगस्त 2011
आखिर सोनिया की विदेशी यात्राओं में वो कौनसा राज छुपा है जो इस देश के प्रधानमंत्री इस देश की जनता को बताना नहीं चाहते ? – shvoong.com, 21 OyZ 2011
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