Islam Kya hai- इस्लाम खून के साथ बढ़ा है। इस्लाम के महान पैगम्बर ने एक हाथ में कुरान लिया और दुसरे हाथ में तलवार। हकीकत को यहाँ जानेगें ।
इस्लाम की स्थापना, 20 अगस्त 570 को जन्मे, मुहम्मद ने 610 में मक्का, (वर्तमान सौउदी अरेबिया) में की । इस्लाम शीघ्र ही तलवार के बल पर विभिन्न देशों में तेजी से फैलने लगा । इस्लाम में चार प्रकार के मौलिक धर्म ग्रंथ हैं :
(1 ) कुरान
(2) हदीस
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विद्वानों ने मुहम्मद के जीवन वृत को तीन मुख्य भागों में बांटा है। पहला जन्म से चालीस वर्ष (570-622 एडी) तक, जब वे अपने पूर्वजों को मानते थे, दूसरा (610-622 ए. डी. तक) मक्का में अल्लाह के पैगम्बर होने की घोषण करने एवं इस्लाम की स्थापना के बाद का । मक्का के प्रभावशाली कुरेशों ने विरोध किया, और अन्त में अपनी जीवन की आशंका को देखते हुए उन्होने दो वर्ष तक आर्थिक और सैनिक शक्ति इकट्ठी की तथा 82 सैनिक अभियानों के बल पर, न केवल मदीना से यहूदियों को निकाल दिया या मार दिया, परन्तु 630 में, पुन: मक्का पर विजय भी प्राप्त कर ली ।
मुहम्मद मक्का आते ही सबसे पहल काबा के मन्दिर की 360 मूर्त्तियों को स्वयं अपनी देख रेख में तोड़ा एवं समस्त मक्का व अरब क्षेत्र की मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दिया और अरबों को तलवार के बल पर इस्लाम में दिक्षित किया एवं अगले दो वर्षों में मदीना में पहला एक इस्लामी राज्य स्थापित किया । अन्त में 8 जून 632 को, बुखार से उनका निधन हो गया ।
काबा के प्रसिद्ध मंदिर पर कुरेशों का अधिकार था तथा मानव आकृति में हुबल देवता की मूर्ति को आमिर इन्ब-लूहाय्य ने मैसोपोटामिया से लाकर यहाँ स्थापित किया था ।
* इस्लाम खून के साथ बढ़ा है। इस्लाम के महान पैगम्बर ने एक हाथ में कुरान लिया और दुसरे हाथ में तलवार । ज्यादातर धार्मिक परिवर्तन इसी तरह से हुए । – अयातोल्लाह खोमेइनी (अगस्त 24, 1979)
Realated Artical- इस्लाम के विरुद्ध आवाज
(4) इस्लामी शास्त्र का आधार मुहम्मद पैगम्बर
शिया और सुन्नी दोनों सम्प्रदायों के विधि शास्त्र अलग-अलग हैं। इस्लाम की सारी धार्मिक एवं राजनैतिक मान्यताएं, सिद्धान्त, आदर्श, विधिविधान एवं कुरान आदि का आधार पैगम्बर मुहम्मद हैं क्योंकि कुरान में वे स्वयं अल्लाह का संदेश देते हैं, हदीसों में उनके कर्म, वचन, व्यवहार एवं निर्णय हैं, और जीवनी में वे स्वयं मुसलमानों के आदर्श हैं ।
अत: सारा इस्लाम मुहम्मद के इर्द-गिर्द की घूमता है । शेख अब्दुल कादिर के अनुसार इस्लाम में एक सौ पचास से कम सम्प्रदाय नहीं हैं । इनके अलावा प्रत्येक देश में इस्लाम के अलग-अलग सम्प्रदाय हैं ।
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