Islamic Sangathan P.F.I. (Popular Front of India) एक चरमपंथी संगठन है । यह क्या है और कैसे कार्य कर रहा है व इसका प्रभाव कहाँ कहाँ है आदि ।
Islamic Sangathan- P.F.I. Kya hai ?
What is Popular Front of India (P.F.I.) ?
Islamic Sangathan- P.F.I. Kya hai ?
पीएफआई का पूरा नाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) है. यह एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है. साल 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में पी.एफ.आई. का गठन किया गया था ।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. एनडीएफ के अलावा कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी , तमिलनाडु के मनिथा नीति पासराई , गोवा के सिटिजन्स फोरम , राजस्थान के कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी , आंध्र प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस समेत अन्य संगठनों के साथ मिलकर पीएफआई ने कई राज्यों में अपनी पैठ बना ली है ।
Islamic Sangathan- P.F.I. की शुरुआत कैसे हुईः
पीएफआई की शुरुआत साल 2006 में केरल में हुई थी. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार-
साल 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद दक्षिण भारत के तीन संगठनों नेशनल डेवलेपमेंट फ्रंट ऑफ केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु के मनिथा नीथी पासरी संगठनों के विलय से पॉप्यूलर फ्रंट ऑफ इंडिया की शुरुआत हुई ।
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Islamic Sangathan- P.F.I. का प्रभाव तेजी से फैल रहा हैः
रिपोर्ट के अनुसार, आज देश के 22 राज्यों में पीएफआई की मौजूदगी है और यह संगठन तेजी से देश के विभिन्न राज्यों में अपने पैर पसार रहा है. पीएफआई को अरब देशों के साथ ही दुनिया के कई देशों से फंडिंग होती है. पीएफआई का मुख्यालय केरल के कोझिकोड में था लेकिन अब यह दिल्ली में शिफ्ट हो गया है. पीएफआई के अध्यक्ष इ. अबु बकर हैं, जिनका ताल्लुक केरल से है ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल में पीएफआई के कई नेताओं का ताल्लुक सिमी से रहा है. हालांकि पीएफआई अपने आप को सामाजिक संगठन मानता है, जो देश के अल्पसंख्यकों, दलितों और कमजोर तबकों के विकास के लिए काम कर रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 में पीएफआई के सदस्य केरल में कम से कम 30 राजनीतिक हत्याओं में शामिल रहे थे ।
Islamic Sangathan- P.F.I. का ढांचाँः
पीएफआई खुद को न्याय, आजादी और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले नव-समाज के आंदोलन के रूप में बताता है. इस संगठन की कई अलग – अलग शाखाएं भी हैं.
जैसे महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट (NWF – National Women’s Front) और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI – Campus Front of India). गठन के बाद से ही इस संगठन पर कई समाज विरोधी व देश विरोधी गतिविधियों के आरोप लगते रहे हैं ।
Islamic Sangathan- P.F.I. के वारे में कोर्ट क्या कहती है ?
साल 2012 में केरल सरकार ने एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से कहा था कि पीएफआई की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. केंद्रीय एजेंसियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से साझा किए गए ताजा खुफिया इनपुट और गृह मंत्रालय के मुताबिक, यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, आजमगढ़ और सीतापुर क्षेत्रों में पीएफआई सक्रिय रहा है ।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट, मनिथा नीति पासराई, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और अन्य संगठनों के साथ मिलकर कई राज्यों में पहुंच हासिल कर ली है और वह पिछले दो साल से उत्तर प्रदेश में अपना आधार फैला रहा है ।
Islamic Sangathan- P.F.I. पर कारवाहीः
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार की ओर से शुरू किए गए सख्त उपायों ने पीएफआई सदस्यों को उत्तर प्रदेश छोड़ने के लिए मजबूर किया था, लेकिन उन्होंने पिछले दो साल में राज्य में पैठ बनानी शुरू कर दी है ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में 19 दिसंबर से पीएफआई के 14 सदस्यों सहित 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जो कथित रूप से सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को उकसाने का प्रयास कर रहे थे ।
मध्य प्रदेश सरकार को खूफिया विभाग से सूचना मिली है कि राज्य में कट्टरपंथी संगठन PFI (Popular Front of India) अपने पैर पसार रहा है. ऐसे में बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए सरकार पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है. खबर के अनुसार, खूफिया विभाग की एक टीम राज्य में संगठन की गतिविधियों पर नजर रख रही है ।
अभी तक की जांच में पता चला है कि राज्य में पीएफआई के 650 से ज्यादा सदस्य हैं और यह संगठन राज्य में तेजी से बढ़ रहा है. जांच में आतंकी संगठन SIMI का भी पीएफआई से कनेक्शन मिला है ।
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