मोबाइल फोन कैसे मनुष्य, जंगल, जानवन आदि को नुकसार पहुचाता है । MobilePhon ke Nuksan-Phayade मोबाइल फोन के नुकसान व फायदे के बारे में यहाँ विस्तृत बताया गया है ।
मोबाइल फोन से नुकसान I MobilePhon ke Nuksan
1.स्वास्थ्य पर बुरा प्रभावः
a) नपुंसक बनाता हैः महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, हरियाणा के डॉ. विनीता शुक्ला व अन्य खोजकर्ताओं के नये शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मोबाइल का रेडिएशन इंसान की प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है ।
मोबाइल को जब पैंट की जेब में अर्थात कमर के पास रखते हैं तब इसका रेडिएशन हमारे शुक्राणुओं को ज्यादा क्षति पहुंचाता है । इसके रेडिएशन हड्डियों में मौजूद खनिज व तरल पदार्थ को समाप्त करता रहता है और इंसान नपुंसकता की ओर बढ़ता रहता है । इसी बात की एम्स और आईसीएमआर ने भी दावा किया है । मोबाइल को शर्ट की जेब में रखने से हृदय पर कुप्रभाव पड़ता है । इसलिए मोबाइल को बैग में रखें, जेब में नहीं ।
टॉकटॉइम को सीमित करें व मोबाइल की कान से दूरी कम से कम 1.5 से.मी. रखें या हैण्ड फ्री का उपयोग करें । मोबाइल को शरीर से दूर रखें । यह बात अच्छी मोबाइल कम्पनियों के लिफ्लेट में लिखा रहता है अथवा मोबाइल के Setting से About फिर RF Exposureमें जाकर देख सकते हैं । हम आपको फोन का उपयोग बंद करने के लिए नहीं कह रहें हैं बल्कि इसके खतरे से जागरुक करने की कोशिश कर रहे हैं । यदि हम मोबाइल फोन उपयोग कर रहे है तो MobilePhon ke Nuksan-Phayade को भी जानना जरुरी है ।
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b) अनगिनत बीमारियाँः हमारे दिमाक में 90% व शरीर में 70% पानी होता है जो रेडिएशन को सोखता रहता है । ज्यादा रेडिएशन हो जाने पर तमाम तरह की बीमारियों को बढ़ावा देता है । भूख न लगना, गर्दन में दर्द, रोग प्रतिकारक शक्ति का कमजोर पड़ जाना, चिंता, मस्तिष्क का ट्यूमर व कैंसर, आँख की समस्याएं, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, सुनने में परेशानी, ब्लड कैंसर, बाँझपन, कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि, पाचन शक्ति का कमजोर होना, कार्यक्षमता को कम करना आदि । अंधेरे में मोबाइल फोन की कृत्रिम रोशनी की तरफ बहुत देर तक देखने से आंखें शुष्क होने लगती हैं, और आँखों की रेटिना पर बहुत बुरा असर पड़ता है ।
c) बच्चों के लिए यमराज है मोबाइलः छोटे बच्चों के सिर का विकास पूरा नहीं होता है । उनके मस्तिष्क के पास हड्डियों की मोटाई बहुत कम होती है, सिर के भीतर टिश्यू बहुत नाजुक होते हैं ऐसे में मोबाइल फोन का 60% से भी ज्यादा रेडिएशन सोख लिया जाता है जो बच्चों के तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को भयानक नुकसान पहुंचाता है । बच्चों के दिमाग की भी अपनी तरंगें होते हैं, मोबाइल की तरंगें उनको प्रभावित करती हैं जिससे उनके मस्तिष्क के स्वाभाविक रूप से कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है । ऐसे में बच्चों के पढ़ने-लिखने और नई-नई बातें सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती हैं ।
फोन पर ज्यादा समय बिताने वाले बड़े बच्चों को अन्य बच्चों के साथ घुलने-मिलने में परेशानी होती है व उनका सामाजिक विकास नहीं हो पाता है । ऐसे बच्चे अकेलेपन के आदी हो जाते हैं और उन्हें आगे चलकर, स्मृतिशक्ति का ह्रास, अल्जाइमर्स, डिप्रेशन और मानसिक बीमारियों का शिकार होना पड़ता है ।
- दुर्घटनाः ड्राइविंग करते समय फोन पर बात करना, टेक्स्ट मेसेज लिखना, संगीत का चयन करना आदि न केवल खुद को बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को भी नुकसान पहुँचाता है । तकरीवन 60% भारतीय दोपहिया वाहन चलाते समय अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं । 14% पैदल चलने वाले भारतीय सड़क पार करते वक्त सेल्फी लेते हैं । यह सब खुलासा सैम्संग द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है । सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बीते पांच सालों में गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल करने की वजह से करीब चालीस हजार दुर्घटनाएं हुई हैं । अमेरिका में प्रति वर्ष 16.5 लाख से अधिक दुर्घटनाऐं वाहन चलाते समय फोन पर बात करने के कारण होती हैं । भारत सहित अधिकांश देशों ने वाहन चलाते समय फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है ।
कानों में ईयरफोन लगा कर कई लोग मर गये जैसे सड़क व रेल-पटरी पार करते समय हॉर्न सुनाई नहीं दिया, एक्सिडेंट हो गया । चलते-चलते पेड़, खम्भे आदि से टकरा गए आदि । दुनिया भर में सेल्फी के चलते होने वाली कुल मौतों में से 50% अकेले भारत में होती हैं ।
- पारिवारिक-सामाजिक मूल्यों का हननःपहले के समय में परिवार के लोग एक साथ घंटोें बैठते थे, सुख-दुख की बातें करते थे लेकिन अभी वे दिन कहीं खो से गए हैं । लोगों का परिवार व समाज के साथ समय बिताना कम हो गया है और उनका अधिकतर समय मोबाइल में ही बीत जाता है । मोबाइल बाहरी दुनिया से तो जोड़ता है लेकिन अपनों से व अपने आसपास की दुनिया से दूर करते जा रहा है । शोध के अनुसार 78% प्रतिशत युवा (18 से 24 वर्ष को) ‘नोमोफोबिक’ रोग हो चुका है ।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस बैंगलोर सर्वे के अनुसार 19.5% बच्चे (13 से 18 वर्ष वाले) गेम के, 18% बच्चे इन्टरनेट के तथा 15.5% बच्चेे फोन के लती हैं । ऐप मॉनिटरिंग फर्म ‘ऐप एनी’ के मुताबिक सन््् 2021 में भारतीयों ने 69.9 करोड़ घंटे सिर्फ मोबाइल देखने में बिताए । भारतीय लोग औसतन 4.7 घंटे/प्रतिदिन मोबाइल देखते हैं ।
- आर्थिक नुकसानः स्मार्टफोन को समय-समय पर बदलते रहना लोगों के लिए फैशन बन गया है । अक्सर लोगों के मन में हमेशा महँगे स्मार्टफोन के प्रति लालसा उत्पन्न होती है अतः फिजूलखर्ची भी बढ़ती रहती है । आये दिन इंटरनेट व कॉल का खर्चा भी बढ़ता जा रहा है ।
- गोपनीयता का खतराः अक्सर हर व्यक्ति सुविधा के नाम पर अपनी पर्सनल जानकारी, दस्तावेज, फोटो, वीडियो, बैंक से जुड़ी जानकारियां आदि मोबाइल फोन में सेव करके रखता है । कई बार आपका फोन हैक कर लिया जाता है, पता भी नहीं चलता और अपना पर्सनल डाटा गलत हाथों में चला जाता है ।
- अनुपयोगी बिषयः इन्टरनेट सूचनाओं तथा ज्ञान से भरा हुआ है लेकिन, सच्चाई यह है कि छोटे बच्चे, छात्र, युवा उपयोगी विषय के बजाय अनुपयोगी कंटेट को देखना अधिक पसंद करते हैं । एक बार मजेदार कंटेट देखने पर यह बार-बार लोगों को अधिक देखने के लिए ध्यान आकर्षित करता है । 21 वीं सदी में, यौन गतिविधियों और हिंसक कृत्यों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है । यह वास्तव में बुरा है । यही कारण है कि हम बहुत सारे युवाओं को सिगरेट, ड्ग्स आदि के साथ देख रहे हैं । यह प्रौद्योगिकी के उदय के साथ प्रमुख दोषों में से एक है ।
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मोबाइल फोन के फायदे I MobilePhon ke Phayade
मोबाइल फोन के जीपीएस (GPS) सिस्टम से हम किसी भी स्थल तक पहुँच सकते हैं । आज के समय में क्राइम को रोकने के लिए पुलिस GPS के जरिए अपराधियों के मोबाइल फोन को ट्रैक करके उन्हें पकड़ रही है । पुलिस ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा करने वाली सेना भी देश के अंदर घुसे आतंकियों के फोन को ट्रैक करके उन्हें पकड़ती है।
मोबाइल से सोशल मीडिया इंस्टॉग्राम, फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्वीटर आदि से जुड़ सकते हैं । मोबाइल से पैसे का लेन-देन अर्थात ई-बैंकिंग, ई बिजनेस, ऑनलाइन शिक्षा आदि कर सकते हैं । धंधा, शिक्षा आदि से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं । स्मार्ट फोन का एक छोटे कम्प्यूटर के रूप में फायदा उठा सकते हैं ।
स्मार्ट फोन बहुत सारी बेसिक सुविधाऐं भी मुहैया कराता है जैसे फोटो खींचना, वीडियो शूटिंग, घड़ी, कैलेन्डर, टॉर्च, कैलकुलेटर, नेविगेशन, ई-मेल, वीडियो देखने, गाने सुनने, ब्राउजिंग आदि ।
5G नेटवर्क होने से कई तरह की सुविधाएं तेजी से मिलने लगेंगी लेकिन यह आप की हर चीज की निगरानी, जासूसी व नये-नये रोग पैदा करेगा । इसलिए इनके टावरों पर दुनिया के कई हिस्सों में हमलें की खबरें हैं ।
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