फै्रंकोईस गौटियर(फ्रांसीसी लेखक व पत्रकार) ने Media ka Doglapan को अपने लेख में उजागर करने की भरपूर कोशिश की है । यहाँ हम जानेगें ।
Media ka Doglapan | मीडिया का दोगलापन | Media Duplicity
– फै्रंकोईस गौटियर(फ्रांसीसी लेखक व पत्रकार)
अधिकतर भारतीय पत्रकार सभी धर्मगुरुओं पर भगवान (God-men) की छाप क्यों लगाते है ? जो कि एक नकारात्मक और व्यंग्यात्मक शब्द है । यह बड़ी ही विचित्र बात नहीं कि भारतीय पत्रकार ईसाई आर्चबिशप या पादरियों को जिसे वे कभी भी ‘भगवान’ नहीं बल्कि ‘होली फादर’ कहकर बुलाते हैं और उसी प्रकार की आक्रामकता क्यों नहीं दिखाते ? वे भारतीय धर्मगुरुओं की अद्भुत व चमत्कारी शक्तियों पर भी प्रश्न उठाते हैं । लेकिन क्या यह सोचना जैसा कि ईसाई लोग सोचते हैं कम विवेकयुक्त व तर्कसंगत नहीं है कि ईसामसीह ने ब्रेड बढ़ाकर कई गुना कर दी थी या फिर मुर्दे को जीवित कर दिया था ?
दूसरे धर्म अपने नाम व स्वार्थ की सुरक्षा का प्रयत्न करते हैं। जबकि विश्व हिंदू परिषद (VHP) दूसरे धर्म के लोगों को अपने धर्म में मिलाने के लिए कभी भी धर्मांतरण का प्रयत्न नहीं करता । फिर भी भारतीय मीडिया द्वारा उनको ईसाई पादरियों या मुस्लिम मुल्लाओं के मुकाबले में कहीं अधिक प्रहारों का निशाना बनाया जाता है ।
मीडिया का देशद्रोह व अपराध
घटना 26/11 मुंबई के ऑबराय होटल में घुसे आतंकवादियों को मार गिराने में अपने सैनिकों को बहुत समय क्यों लगा? क्योंकि मीडिया की लाइव कवरेज से अंदर घुसे आतंकवादियों को उनके पाकिस्तानी आकाओं द्वारा अपने सैनिकों की स्थिति का विवरण बताया जा रहा था। जब अधिकारिक तौर पर जबरदस्ती लाइव कवरेज बंद कराया गया, तब अपने सैनिक तुंरत आतंकवादियों पर हावी हो गये और मार गिराया। मीडिया का यह कारनामा कितना बड़ा देशद्रोह व अपराध घोषित करता है ! आम आदमी भी इसे समझ सकता है ।
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