Bhaskaracharya Ki Khoj
गणितज्ञ, ज्योतिषी तथा महान विज्ञानी भास्कराचार्य
Bhaskaracharya Ki Khoj
आर्यभटृ ने जिन महान सिद्धांतों को ऋषियों की भांति सूत्ररुप में व्यत्क किया था, Bhaskaracharya भास्कराचार्य ने ऐसी अनेक बातों को सरल रुप मे व्यत्क किया । ‘सूर्यसिद्धांत’ उनकी महत्वपूर्ण रचना है । गणित की प्रसिद्ध पुस्तक ‘लीलावती’ इसी पुस्तक का एक भाग है । महान गणितज्ञ, ज्योतिषी, भौतिक विज्ञानी के रुप में भास्कराचार्य का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा । उन्होनें गणित के अनेक सूत्रों की खोज की एवं उन्हें सरलतम रुप से प्रस्तुत किया । गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की विस्तृत व्याख्या की । पृथ्वी गोल है, अंतरिक्ष में निराधार स्थित हैं । गति के नियमों को स्पष्ट रुप से समझाया । बाद में उन्ही नियमों को विश्व ने ज्यो का त्यो स्वीकार कर लिया ।
गति सिद्धांत:
प्रसिद्ध गणितज्ञ भास्कराचार्य ने अपनी पुस्तक ‘लीलावती ’
में जिन गति नियमों का प्रतिपादन किया है –
प्रथम नियम- व्यैकपदघ्नचयोमुखयुक्स्यादन्त्यधनम्
= (V=U+at)
द्वितीय नियम- मुखयुग्दलितं तत्(अन्त्यधनं मध्यधनम्)
= (S=ut=1/2at2)
बाद में न्यूटन ने नियमों को प्रस्तुत किया । परन्तु अभी भी विदेश ही नहीं भारत में भी न्यूटन के नाम से ही पड़ाया जाता है, भास्कराचार्य का उल्लेख भी नहीं किया जाता ।
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