Viswki Prachin Kaal Ganana का केन्द्र उज्जैन में था । वहाँ के महाकाल को काल मौत का देवता मानते है। दिन सप्ताह आदि की जानकारी भी यहाँ पढें ।
Viswki Prachin Kaal Ganana |
Count of the ancient times of the world
Every day commenced when it was 6 am. in ujjain.
As time was synchronized in large part of the
would according to ujjain standard time,
it was only neutral to designate the God of ujjain
as time God himself, and therefore the Mahakala,
time the great.
अग्रेजों के प्रभुत्व के पूर्व (Viswki Prachin Kaal Ganana) विश्व कालगणना का केन्द्र उज्जैन में था । काल के अधिष्ठाता होने के कारण यहाँ भगवान शिव की पूजा महाकाल के रूप में की जाती है । बाद में अंग्रेजों ने कालगणना के मानक स्थल के रूप में लंदन स्थित ग्रीनबिच को मान्यता दे दी और भूल-भंवर में फँसे भारतीय भी महाकाल को काल यानि मौत के देवता के रूप मेें मानने लगे ।
सप्ताह के सात दिन । Seven days a Week
सप्तैते होरेशा: शनैश्चराद्या यथाक्रमशीघ्रा: ।
शीघ्रकपाच्चतुर्धा भवन्ति सूर्योदयादिनपा: ।।
– आर्यभटीयम
पृथ्वी से आरंभ कर चंद्रमा, बुध, शुक्र तदन्ततर सूर्य, उसके ऊपर क्रमश: मंगल, बृहस्पति और सूर्य सबसे अंत में शनि है । इस क्रम के अनुसार प्रात: सूर्योदय से प्रांरभ कर एक- एक ग्रह की एक- एक होरा (एक होरा एक घंटे की होती है) मानी जाती है । अहोरात्रा का संक्षिप्त रुप आदि और अंत के अक्षर क्रम करके ‘होरा’ प्रचलित है । 24 घंटे में सातों ग्रहों के होराओं के तीन चक्कर तीन होकर तीन ग्रहों की और होराएँ त्यतीत होकर दूसरे दिन के सूर्योदय काल में चौथे ग्रह की होरा आएगी और वह वार उसी के नाम पर होगा ।
संपूर्ण विश्व आज जिन सात दिनों के नामों का उपयोग करता है ।
क्रमबद्ध रुप से ये सात नाम भारत की देन हैं-
0 सोमवार 0 मंगलवार 0 बुधवार 0 गुरुवार
0 शुक्रवार 0 शनिवार 0 रविवार
भारतीय खगोलविद आर्यभट्ट ने सबसे पहले एक निश्चित वैज्ञानिक सिद्धांत से ग्रहों के आधार पर इनका नामकरण किया था ।
विदेशी लोगों ने सिर्फ अपनी भाषा में अनुवाद करके ज्यों का त्यों इन नामों को अपना लिया ।
विदेशियों के पास इनके नामकरण का कोई भी उल्लेख नहीं है ।
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