Bharatiy Sanskriti- 2 | Indian Culture, Part- 2
Bharatiy Sanskriti- 2 में भारत की महान संस्कृति के बारे में बताया गया है, विश्व के महान खोजकर्ता, दार्शनिका आदि के विचार यहाँ पढें।
पूरी दुनियाँ में ऐसी फायदेमंद एवं ऊँचा उठाने वाले उपनिषदों के अलावा अन्य कोई अध्ययन है यह मेरी जीवन एवं मृत्यु को धैर्य (स्थिरता) प्रदान करती है। बुद्धि का उच्चतम विकास करते है ।
– आर्थर शोपेनहर
मैं सोचना चाहता हूँ कि कोई भारत के गहनतम के पद चिंन्हो चिंन्हो को कैसे ग्रीस (यूनान) तक पहुँचायेगा और वहाँ से हमारे समय की दार्शिनकता को
– जॉन आर्किवाल्ड व्हीलर
तारों की गति करीब 4500 वर्ष पहले हिन्दुओं ने दी जिसमें कि कैसिन एवं मेयर की आधुनिक सारणी से लगभग एक मिनट का अंतर भी नहीं आता है ।
– जीन सेलविनबैली
वेद सबसे कीमती उपहार है जिसके लिए पश्चिमी देश पूर्वी देशों का सदैव ऋणी है रहेगा ।
– फ्रान्कोस एम. वोल्टेयर
दुनिया में संस्कृत भाषा जैसी कोई इतनी स्पष्ट, दार्शिनिक एवं कीमती भाषा (हमारी ग्रीक भाषा में भी नहीं) नही है। और यह महान भारत क्षेत्रो केवल सब का मूल स्थान ही नहीं है। वह हर क्षेत्र में, बौद्धिकता में, धार्मिकता में, या राजनीतिक क्षेत्रों में सबसे आगे है । ग्रीक (यूनानी) परम्परा उसकी तुलना में बहुत तुच्छ (उदास) मालुम पड़ती है ।
– फैडरिक वोन सिलेज
भारतीय दर्शन के साथ यह मेरी पहली मुलाकात थी जिससे मेरे अस्पष्ट ध्यान (चिंतन) का पता चला और उसके न्यायशास्त्र और अबद्दता का अहसास हुआ ।
– विलियम बटलर यीट्स
सारी दुनिया में ऐसा कोई फैमवर्क नहीं है जहाँ हम आत्मीयता को बहुतायत में पा सकते हैं। यह साधारणतया व्यक्तियों के कुछ निर्माण करते है लेकिन यह झूठा निर्माण है। केवल इस विपरीतता का समृद्ध उपलब्धों में विपरीतता का (इसका) प्राचीनतम ज्ञान। एक ही हल है भारतीय उपनिषदों का
– एरविन स्क्रोडिंगर
पश्चिमी सम्यता के लिए सबसे सामीप्य में स्थिर सबसे मजबूत वैज्ञानिक प्राप्ति सबसे चकित करने वाली हमें दैवीय अनुभव देने वाली भारत की महानतम साहित्य स्मृत्ति श्री मद् भगवदगीता है ।
– जूलियस आर. ओपेनहेमर
मैं उपनिषदों का अध्ययन अपने प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए करता हूँ ।
– नेल्स बोर
भारत ने विश्व इतिहास एक विशेष गति (ज्ञान की खोज के लिए) देश को दी है ।
– फैडरिक हेगल
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