Prakash Gati Evan Sapta-Rang के वारे में यहाँ जानेगें कि प्रकाश के सोतों रंग क्या हैं व प्रकाश की गति क्या है व इनकी खोज सर्वप्रथम किसनेकी ।
Prakash Gati Evan Sapta-Rang । Seven Colors and Speed of Light
सप्त युंजान्त रथमेकचक्रो
अश्वो वहति सप्तनामा ।
अथर्ववेद 13-3-18
सूर्य की किरण को प्रिज्म से निकालने पर वह सात रंगों में विभक्त हो जाती है ।
अठारहवीं शती में खोजे गए स्पैक्ट—म के इस वैज्ञानिक तथ्य को वेदों की काव्यात्मक भाषा में कहा गया कि ‘‘सूर्य के एकचक्रीय रथ को सात रंगों के घोड़े चलाते हैं ।’’
चिकित्सा प्रणाली बहुत प्राचीन है ।जयपुर के प्रसिद्ध मानसिक रोग चिकित्सक ड़ाँ शिव गौतम ने इस विषय को प्रचीन भारत में मन चिकित्सा नामक शोधपत्र मे अनेक प्रमाणों के साथ सिद्ध किया है ।
हजारो वर्ष पूर्व शरीर की संरचना के भाग से व्यायाम की विधियों का अविष्कार किया जाना एक अनौखा विज्ञानिक चमत्कार है । खेद का विषय है ,परी दुनिया में इस विधि को सम्मान दिया जा रहा है पश्चिमी देशों में योगसूत्र के प्रेर्णोता महर्षि पतंजली की पूजा की जा रही है परन्तु भारत में अभी भी इस बात को सम्मान नही मिल पा रहा है ।
।। प्रकाश की गति ।।
तथा च स्मर्यते – योजनानां
सहस्त्रो द्वे द्वे शते द्वे च याजने ।
एकेन निमिषार्धेन क्रममाण नमोस्तुते ।।
– सायण महावाच्य
एक निमेष =एक सेकेण्ड का लगभग पाचँवा भाग ,एक योजन = 9.0625 मील
भारत सरकार के अनुसार इस मान से माईकेल्सन द्वारा 1889 में खोजी
गणना करने पर सायण द्वारा दी गई गति गई वर्तमान मान्य गति
1,87,084.1 मील प्रति सेकेण्ड 1,87,372.5 मील प्रति सेके ण्ड
सायण ने इस गति के लिए प्राचीन आचार्यो का उल्लेख किया है, इसका अर्थ है भारतीयों को यह तथ्य सैंकडों वर्षो पूर्व ज्ञात था ।उन्होने यह कैसे खोजा ?यह वास्तव में खोज का विषय है ।
ब्रह्माण्ड में अनेक सूर्य हैं ….ऋग्वेद 9.114.3
सूर्य की आकर्षक शक्ति ….ऋग्वेद 10.1401
सूर्य की ऊर्जा का आधार सोम ’हाईड—ोजन‘…अथर्ववेद 14.1ः2
सूर्य के चारों ओर गैस का विशाल घेरा …ऋग्वेद 1.164.43
रंग का आधार सूर्य की किरणें …..अथर्ववेद
चंद्रमा सूर्य से प्रकाशित…..यजुर्वेद 16.4.0
सूर्य भी घूमता हैं ….यजुर्वेद 20.23
सूर्य वर्षा का कारण हैं…अथर्ववेद 7.107.1
सौर ऊर्जा का दोहन….यजुर्वेद 29.13
सूर्य के आसपास बनने वाला घेरा…. वृतत्संहिता 34.1
इन्द्रधनुष का निर्माण …. वृतत्संहिता 35.1
वेदों एवं वेदोत्तर ग्रंथो में सूर्य ,सौर ऊर्जा और किरणों के प्रकाश के संबंध में बहुत-सी बातों का उल्लेख है । जिन्हें आधुनिक विज्ञान ज्यों का त्यों स्वीकार कर रहा है ।
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