भारतीय ग्रंथों में आए ऐसे असंख्य उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि हजारों वर्ष पहले Bharat mein Uchch Shiksha सीखी और सिखाई जाती थीं ।
Bharat mein Uchch Shiksha- भारत में उच्च शिक्षा कब से
छान्दोग्योपनिषद में दृष्टांत है कि एक बार नारद ऋषि सनत्कुमार के पास सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त करने गए तब सनत्कुमार ने नारद से पूछा कि-‘तुम कौन कौन-सी विद्याएँ जानते हो ?’’ तब नारद ने ऋषि से कहा-
स होवाचर्वेदं भगवोध्येमि यजुर्वेदं सामवेदमायर्वण
चतुर्थमितिहास पुराणं पचमं वेदानां वेदं पित्रयं राशि
देवं निधि देवविद्या ब्रह्मविद्यां भूतिविद्यां क्षत्रविद्यां
नक्षत्रविद्यां सर्पदेवजनविद्ययामेतदु भगवोध्येमि ।।
– छान्दोग्योपनिषद
मैंने ऋग्वेद, यर्जुवेद, सामवेद, अथर्ववेद, इतिहास, पुराण,व्याकरण, कर्मकाण्ड, अंकविज्ञान, भौतिकी, कालक्रम विज्ञान, तर्कशास्त्र, राजतंत्र, ब्रह्मविद्या, भूतिविद्या, युद्ध विद्या, नक्षत्र विज्ञान, प्रतिविध विद्या तथा सूक्ष्म कला आदि विद्याओं का अध्ययन किया है। इनके अतिरिक्त ज्योतिष शास्त्र एवं गणित में भी मुझे अभिरुचि है ।
भारतीय ग्रंथों में आए ऐसे असंख्य उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि हजारों वर्ष पहले जब विज्ञान की इतनी शाखाओं के नामों से भी विश्व की कोई संस्कृति परिचित नहीं थी, तब भारत में ये सारी विद्याएँ सीखी और सिखाई जाती थीं । अर्थात भारत में उच्च शिक्षा अनादि काल से चली आ रही है ।
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