हमारा लक्ष्य | Hamara Lakshya

Category:

Written by Rajesh Sharma

📅 June 13, 2025

भारतीय सनातन संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से ‘‘संस्कृति रक्षक संघ’’ की स्थापना की गयी है । इस संघ का मूल उद्देश्य सनातन संस्कृति के संस्कारों को जन-जन के जीवन में लाना है Ÿ। संस्कृति-उत्थान हेतु इस संघ द्वारा की जा रहीं सत्प्रवृत्तियाँ राष्ट्रनिर्माण का एक सफल प्रयास हैं ।

‘संस्कृति रक्षक संघ’ एक स्वतंत्र व निष्पक्ष संगठन है, जो कि भारतीय संस्कृति की रक्षा व प्रचार के लिए संकल्पबद्ध है। यह संगठन भारतीय संस्कृति के जीवनमूल्यों को एवं लुप्त हो रही पावन परंपराओं को पुनर्स्थापित करने का कार्य करता है तथा यह युवाओं में संस्कृति प्रेम जगाने के कार्य को प्राथमिकता देता है।

यह संगठन सभी संस्कृति प्रेमी संगठनों व राष्ट्रप्रेमियों के साथ मिलकर चलने के लिए कटिबद्ध है। यह इस सभी प्रयासों को तत्परता से करता है, जिनसे देशवासी अपने शास्त्रों, संतों, महापुरुषों एवं ऋषियों के बताए हुए मार्ग का तन-मन-धन से अनुसरण करते हुए उत्तम व सुसम्पन्न बनें।

‘संस्कृति रक्षक संघ’ सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लगे हुए सभी संगठनों का मित्र संगठन है, यहाँ तक कि विश्व कल्याण में संलग्न सभी देशों का भी सहयोगी है।

प्रमुख सेवाकार्य

  • भारतीय सनातन संस्कृति के उच्च आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना।
  • नगर-नगर पर चिकित्सालय, गौशाला, अन्नपूर्णा मंदिर (भोजनशालाएँ) इत्यादि के माध्यम से लोगों की सेवा करना।
  • गाँव एवं आयुर्वेद पद्धति से उपचार का प्रचार करना।
  • गरीब, पिछड़े क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक एवं नैतिक उत्थान के लिए कार्य करना।
  • वैदिक शिक्षा के माध्यम से लोगों में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना।
  • अनुसूचित, भेदभाव से ग्रसित समाजजनों समरसता का निर्माण करना।
  • प्राकृतिक आपदाओं के समय सेवा-कार्य स्थल स्थापित करना।
  • संस्कृतिप्रेमी संगठनों की भावनाओं को जन-जन तक पहुँचाना।

 

संस्कृति रक्षक संघ एन.जी.ओ. के माध्यम से लोगों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित करना।

 

0 Comments

Related Articles

Sukhi Jivanka Yuktiharu | सुखी जीवनका युक्तिहरू (Nepali)

Sukhi Jivanka Yuktiharu | सुखी जीवनका युक्तिहरू (Nepali)

यस Sukhi Jivanka Yuktiharu लेखमा सुखी जीवन, सम्मानित जीवन र स्वस्थ जीवन जिउनका लागि पाँच ओटा सूत्रहरू जीवनमा अँगाल्नबारे जानकारी दिइएको छ। Sukhi Jivanka Yuktiharu | सुखी जीवनका युक्तिहरू 1. विघ्नबाधा र प्रलोभनबाट बच्ने युक्ति:- Sukhi Jivanka Yuktiharu आधा घण्टासम्म...

read more
Prakash Gati Evan Sapta-Rang । प्रकाश गति एवं सप्त-रंग

Prakash Gati Evan Sapta-Rang । प्रकाश गति एवं सप्त-रंग

Prakash Gati Evan Sapta-Rang के वारे में यहाँ जानेगें कि प्रकाश के सोतों रंग क्या हैं व प्रकाश की गति क्या है व इनकी खोज सर्वप्रथम किसनेकी । Prakash Gati Evan Sapta-Rang । Seven Colors and Speed of Light सप्त युंजान्त रथमेकचक्रो अश्वो वहति सप्तनामा । अथर्ववेद 13-3-18...

read more
Garbhdharan Samay Uttam Santan hetu । गर्भधारण समय उत्तम सन्तान हेतु- Nepali

Garbhdharan Samay Uttam Santan hetu । गर्भधारण समय उत्तम सन्तान हेतु- Nepali

यस लेखमा अन्य अन्य लोकमा विचरण गरिरहेका दिव्य आत्मालाई आफ्नो सन्तान भएर आउनका लागि उचित Garbhdharan Samay बारे जानकारी दिइएको छ। लेखमा अन्य अन्य लोकमा विचरण गरिरहेका दिव्य आत्मालाई आफ्नो सन्तान भएर आउनका लागि उचित गर्भधारणको समयबारे जानकारी दिइएको छ। Uttam Santaan...

read more

New Articles

Bharatiy Sanskriti ke Aadhar | भारतीय संस्कृति के आधार-  9

Bharatiy Sanskriti ke Aadhar | भारतीय संस्कृति के आधार- 9

Bharatiy Sanskriti ke Aadhar | Base of Indian Culture- 9 Bharatiy Sanskriti ke Aadhar में भारत की महान संस्कृति के बारे में बताया गया है विश्व महान खोजकर्ता, दार्शनिका आदि के बिचार यहाँ दिये जा रहे हैं । करीब 600वर्ष पहले भूगर्भ विज्ञान में सम्पूर्ण डार्विन वाद के...

read more
Indian Cultural Ages | Bhaarateey Sanskritik Yug- 3E

Indian Cultural Ages | Bhaarateey Sanskritik Yug- 3E

To the Indian Rishis the ‘Divine play’ was the evolution of the cosmos through countless aeons. Thats was say the Indian Cultural Ages Indian Cultural Ages | Bhaarateey Sanskritik Yug It is, indeed, a remarkable circumstance that when Western civilization discovers ‘...

read more
Bharatiy Sanskriti- 8 | भारतीय संस्कृति, भाग- 8

Bharatiy Sanskriti- 8 | भारतीय संस्कृति, भाग- 8

Bharatiy Sanskriti- 8 | Indian Culture, Part- 8 Bharatiy Sanskriti- 8 में भारत की महान संस्कृति के बारे में बताया गया है, विश्व के महान खोजकर्ता, दार्शनिका आदि के विचार यहाँ पढें । पश्चिमी विचारकों ने भारतीय दर्शन एवं धर्म (आध्यात्म) के अध्ययन से एक नई अदृश्य जटिल...

read more
Bharatiy Sanskriti- 7 | भारतीय संस्कृति, भाग- 7

Bharatiy Sanskriti- 7 | भारतीय संस्कृति, भाग- 7

Bharatiy Sanskriti- 7 | Indian Culture, Part- 7 Bharatiy Sanskriti- 7 में भारत की महान संस्कृति के बारे में बताया गया है, विश्व के महान खोजकर्ता, दार्शनिका आदि के विचार यहाँ पढें । प्राचीन भारतीयों ने विश्व को इसके धर्म एवं दर्शन के बारे में बताया मिश्र और यूनान, भारत...

read more