Bharatiy Sanskriti ke Aadhar | Base of Indian Culture- 9
Bharatiy Sanskriti ke Aadhar में भारत की महान संस्कृति के बारे में बताया गया है विश्व महान खोजकर्ता, दार्शनिका आदि के बिचार यहाँ दिये जा रहे हैं ।
करीब 600वर्ष पहले भूगर्भ विज्ञान में सम्पूर्ण डार्विन वाद के विकास सिद्धांत ने सिद्धकर दिया था वो हमें पता नहीं है । क्या? दूसरी तरफ क्या यह आकाश का सिद्धान्त नहीं है जिसे हम अधिक भद्दयेन से आकाश (तत्व) को पुकारते है । सभी पदार्थों का आत्मा स्रोत है जिसके लिए हमारी विज्ञान मुड़ रही है? लेकिन वैज्ञानिकों की ऊँची उड़ान भी इतनी कीमती नहीं है जितना कि हिन्दू आकाश (आत्मतत्व) जो कि दैवीय (आत्मिक शक्ति) का अमर आध्यात्मिक तत्व है । जो कि अक्रिय स्थान एवं अमिट है – काउंट मेरिस मैटरलिंक
हिन्दुत्व ने आध्यात्मिक ज्ञान (प्रेरणा) दिया अज्ञानियों को गहरी सदबुद्धि (ज्ञान) दी और आधुनिक विज्ञान को दैवीय प्रेरणा दी । – डॉ. एडन रैंकिन
विश्व के महान धर्मो को 40वर्ष एवं उससे अधिक अध्ययन के बाद मुझे इतना पूर्व इतना वैज्ञानिक इतना दार्शनिक और इतना आध्यात्मिक धर्म अन्य सभी धर्मो से महान हिन्दुत्व (भारतीय हिन्दू धर्म) जैसा अन्य कुछ नहीं है । – एनी वुड बेसन्ट
वर्तमान में मुझे प्रकृति ने मुझे ब्राह्मण बनाया है पर आत्मा का पुनर्जन्म कोई काल्पनिक कहानी नही है । – राल्फ वाल्डो एमर्सन
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