संस्कृति रक्षक संघ
‘संस्कृति रक्षक संघ’ एक स्वतंत्र व निष्पक्ष संगठन है, जो कि भारतीय संस्कृति की रक्षा व प्रचार के लिए संकल्पबद्ध है ।
हमारी दृष्टि
किसी भी राष्ट्र का मूल आधार उसकी संस्कृति होती है । सनातन संस्कृृृति विश्व मानव समाज को सुखी, स्वस्थ व सम्मानित जीवन जीने के लिए एवं उन्नति के शिखर पर व मोक्ष तक पहुँचाने में सक्षम हैं ।
हमारा लक्ष्य
इस संघ का मूल उद्देश्य सनातन संस्कृति के संस्कारों को जन-जन के जीवन में लाना है। संस्कृति-उत्थान हेतु इस संघ द्वारा की जा रहीं सत्प्रवृत्तियाँ राष्ट्रनिर्माण का एक सफल प्रयास हैं।
हमारी रणनीतियाँ
इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पाँच शाखाएँ बनायी गयी हैं ।
(1) आस्था केन्द्र, (2) विद्यार्थी उत्कर्ष केन्द्र, (3) आरोग्य शिविर,
(4) संस्कृति बचाओ अभियान,
(5) सहायता-सेवा केन्द्र
हमारे प्रकाशन
ब्लॉग | Blog
कोरोना
इस्लाम की हकीकत
'न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' का षड्यंत्र
भारतीय संस्कृति के मूल तत्व
जन जागरण
सामाजिक, धार्मिक व नैतिक जीवन मूल्यों के सिंचन के लिए तथा सनातन संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात व इनसे बचने के लिए सभा, सत्संग, रास्ट्र-जागृति सम्मलेन आदि का आयोजन किये जाते हैं
जन जागरण
सामाजिक, धार्मिक व नैतिक जीवन मूल्यों के सिंचन के लिए तथा सनातन संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात व इनसे बचने के लिए सभा, सत्संग, रास्ट्र-जागृति सम्मलेन आदि का आयोजन किये जाते हैं
आरोग्य शिविर
आस्था केन्द्रों के द्वारा समय-समय पर आरोग्य शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिनमें लोगों को स्वस्थ रहने के लिए घरेलू नुस्खे, मंत्र-चिकित्सा, आयुर्वैदिक उपचार आदि बताये व किये जाते हैं । आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है ।
विद्यार्थी उत्कर्ष केन्द्र
‘संस्कृति रक्षक संघ’ द्वारा नियुक्त आचार्य के द्वारा ‘विद्यार्थी उत्कर्ष केन्द्र’ चलाया जाता है, जिसके द्वारा बच्चों को सुसंस्कारित करना, स्मृतिशक्ति बढ़ाने के प्रयोग, सफलता पाने के लिए आहार-विहार और शैली सिखायी जाती है ।
विद्यार्थी उत्कर्ष केन्द्र
‘संस्कृति रक्षक संघ’ द्वारा नियुक्त आचार्य के द्वारा ‘विद्यार्थी उत्कर्ष केन्द्र’ चलाया जाता है, जिसके द्वारा बच्चों को सुसंस्कारित करना, स्मृतिशक्ति बढ़ाने के प्रयोग, सफलता पाने के लिए आहार-विहार और शैली सिखायी जाती है ।
योग प्रशिक्षण शिविर
इस शिविर में लोगों को प्रशिक्षित योगाचार्यों द्वारा विभिन्न प्रकार के योगासन सिखाये जाते हैं जिससे उनका तन-मन स्वस्थ व प्रसन्न रहें । साथ ही साथ निरोगी जीवन जीने का सही ढंग भी सिखाया जाता है ।
सहायता-सेवा केन्द्र
जरूरतमंद व्यक्तियों की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक किसी भी तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए ‘सहायता सेवा केन्द्र’ पूरी तरह प्रयास करता है जिसमें बाढ़ राहत कार्य, भूकम्प-पीड़ितों की सहायता आदि मुख्य है ।
सहायता-सेवा केन्द्र
जरूरतमंद व्यक्तियों की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक किसी भी तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए ‘सहायता सेवा केन्द्र’ पूरी तरह प्रयास करता है जिसमें बाढ़ राहत कार्य, भूकम्प-पीड़ितों की सहायता आदि मुख्य है ।