Islam par Pratiband Kyon- सरकार यह मानती है कि मुसलमान कट्टरवाद के पर्याय हैं इसलिए सरकार को विवश होकर यह क़ानून बनाना पड़ा है । कुरान के वाहियात उपदेश व इनकी बर्बरता का विश्वस्तरीय सर्वेक्षण भी देखेगें ।
Islam par Kada Pratiband
नमाज व बुर्के पर पाबन्दी
Islam par Kada Pratiband
जापान में इस्लाम के प्रचार-प्रसार पर कडा प्रतिबंध है। जापान सरकार यह मानती है कि मुसलमान कट्टरवाद के पर्याय हैं इसलिए आज के इस वैश्विक दौर में भी वे अपने पुराने नियम नहीं बदलना चाहते हैं ।
मुस्लिम बहुल तजाकिस्तान की सरकार ने धार्मिक उन्माद को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अट्ठारह साल से कम उम्र के युवकों को मस्जिदों में नमाज़ अदा करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है । तजाक सरकार को विवश होकर यह क़ानून बनाना पड़ा है ।
फ्राँस की सरकार बुर्के जैसी कुप्रथा के खलिाफ सख्त कानून बनायेगी। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने वाली महिलाओं को 700 पाउंड (करीब 51 हजार रुपए) से ज्यादा का जुर्माना देना पड़ेगा। यह जुर्माना राशि उन मुस्लिम पुरुषों के लिए दोगुनी हो सकती है, जो महिलाओं को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करते हैं ।
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* हे ‘ईमान’ लाने वालो! ‘मुश्रिक’ (मूर्तिपूजक) नापाक हैं। (10.9.28 पृ. 371)
* जिन लोगों ने हमारी आयतों का इन्कार किया, उन्हें हम जल्द अग्नि में झोंक देंगे। जब उनकी खालें पक जाएंगी तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसास्वादन कर लें । निःसन्देह अल्लाह प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी हैं। (5.4.56 पृ. 231)
* अल्लाह ‘काफिर’ लोगों को मार्ग नहीं दिखाता । (10.9.37 पृ. 374)
* फिर, जब हराम के महीने बीत जाऐं, तो ‘मुश्रिको’ को जहाँ-कहीं पाओ कत्ल करो, और पकडो और उन्हें घेरो और हर घातकी जगह उनकी ताक में बैठो । फिर यदि वे ‘तौबा’ कर लें ‘नमाज’ कायम करें और, जकात दें तो उनका मार्ग छोड़ दो । निःसंदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील और दया करने वाला है। (पा0 10, सूरा. 9, आयत 5,2ख पृ. 368)
* फिटकारे हुए, (मुनाफिक) जहां कही पाए जाऐंगे पकड़े जाएंगे और बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे । (22.33.61 पृ. 759)
* (कहा जाऐगा): निश्चय ही तुम और वह जिसे तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे ‘जहन्नम’ का ईधन हो । तुम अवश्य उसके घाट उतरोगे ।
* ‘अल्लाह ने तुमसे बहुत सी ‘गनीमतों’ का वादा किया है जो तुम्हारे हाथ आयेंगी । (26.48.20 पृ. 943)
* तो जो कुछ गनीमत (का माल) तुमने हासिल किया है उसे हलाल व पाक समझ कर खाओ । (10.8.69. पृ. 359)
* हे नबी ! ‘काफिरों’ और ‘मुनाफिकों’ के साथ जिहाद करो, और उन पर सखती करो और उनका ठिकाना ‘जहन्नम’ है, और बुरी जगह है जहाँ पहुँचे । (28.66.9. पृ. 1055)
* यह बदला है अल्लाह के शत्रुओं का (‘जहन्नम’ की) आग । इसी में उनका सदा का घर है, इसके बदले में कि हमारी ‘आयतों’ का इन्कार करते थे । (24.41.28 पृ. 865)
* निःसंदेह अल्लाह ने ‘ईमानवालों’ (मुसलमानों) से उनके प्राणों और उनके मालों को इसके बदले में खरीद लिया है कि उनके लिए ‘जन्नत’ हैः वे अल्लाह के मार्ग में लड़ते हैं तो मारते भी हैं और मारे भी जाते हैं। (11.9.111 पृ. 388
* उन (काफिरों) से लड़ो ! अल्लाह तुम्हारे हाथों उन्हें यातना देगा, और उन्हें रुसवा करेगा और उनके मुकाबले में तुम्हारी सहायता करेगा, और ‘ईमान’ वालों लोगों के दिल ठंडे करेगा । (10.9.14. पृ. 369) – (अनु. मौहम्मद फारुख खां, प्रकाशक मक्तबा अल हस्नात, रामपुर उ.प्र. 1966)
कुरान मजीद की पवित्र पुस्तक के प्रति आदर रखते हुए उक्त आयतों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि ये आयतें बहुत हानिकारक हैं और घृणा की शिक्षा देती हैं ।
इससे एक तरफ मुसलमानों और दूसरी ओर देश के शेष समुदायों के बीच मतभेदों की पैदा होने की सम्भावना है। – (ह. जेड. एस. लोहाट, मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट दिल्ली 31.7.1986)
* दुनिया में 7 देश ऐसे हैं जहाँ सरकार आपको नास्तिक/काफ़िर होने के कारण फांसी पर लटका सकती है ।
* पूरी दुनिया में होनेवाले सारे आत्मघाती हमलों का 95% से भी ज्यादा मुसलमानों द्वारा ही किया जाता है ।
* फ्राँस में मुसलमानों की संख्या मात्र 12% होने के बावजूद वहाँ के जेलों में उनकी संख्या 60 से 70% है ।
* मानवाधिकारों पर यूरोपीय सहमती European Convention on Human Rights (ECHR) द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लघंन करने वाले राष्ट्रों की सूचि में तुर्की लगातार तीन सालों से शीर्ष पर है ।
* स्त्रियों के प्रति सांस्कृतिक, जनजातीय और धार्मिक खतरों के मामले में शीर्ष के पांच देशों में चार मुस्लिम बहुल देश हैं ।
* ऐसे अफ्रीकी नागरिकों, जो कि मुसलमानों द्वारा नौकर/बंधुआ मजदूर बनाए गए या उस क्रम में उनकी मृत्यु हो गई, की संख्या अनुमानतः 14 करोड़ से भी ज्यादा है । अकेले मॉरिटानिया में ही 5 लाख से ज्यादा बंधुआ मजदूर हैं ।
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लव-जिहाद औरलैण्ड-जिहाद का आतंक
इस्लामी संगठन पी.एफ.आई. क्या है ?
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