किटनासक जहरीली दवाओं व राससयनिक खादों से मुक्ति का नाम है Gau Aadharit Krishi अर्थात गाय के गोबर, गौमूत्र आदि पर आधारित खेती करना ।
Gau Aadharit Krishi- गौ आधारित कृषि क्या है | What is Cow Based Agriculture ?
(क) रासायनिक उर्वरकों का उपयोग खेत की मिट्टी की बनावट पर बुरा असर डालता है और लम्बे समय तक इसका उपयोग खेत को बंजर बनाता है । इसे भी पढें- गौ की वैज्ञानिक महत्ता क्या है ?
(ख) आधुनिक कृषि प्रणाली में रासायनिक कीटनाशकों की भी यही भूमिका है । अनाज, फल और सब्जी उत्पादन में इनका थोड़ा लाभ तो है, पर लगातार इनका प्रयोग स्थानीय पर्यावरण यानी मिट्टी, पानी और हवा को जहरीला बनाता है । यह प्रक्रिया घूम फिर कर पास-पड़ोस के सभी प्राणियों-मनुष्य, पालतू पशु, कीट-पतंग और खेत की मिट्टी के जीवाणुओं पर जानलेवा असर डालती है । इसे भी पढें- गौ संस्कृति क्या है
(ग) पारंपरिक यानी प्राचीन कृषि शैली में गाय के गोबर का उपयोग ईंधन के कण्डे बनाने या खेती के लिए खाद तैयार करने में होता था । आज हमें गोबर गैस प्लांट, जैविक कम्पोस्ट खाद, बैटरी उत्प्रेरक और केंचुआ खाद इत्यादि में अत्यधिकउपयोग करना चाहिए । इसे भी पढें- गौ की महिमा महान
(घ) गोरस का पहले नाम मात्र का उपयोग हो पाता था लेकिन इन दिनों गोमूत्र औषधि या चिकित्सा और गोमय खेती के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है । इसे भी पढें- गौमूत्र चिकित्सा
(ङ) डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण भारत में ट्रैक्टरों से अधिक जुताई और ट्रकों से अधिक ढुलाई बैलों से करके आत्मनिर्भर बना जा सकता है । इसे भी पढें- गौ रक्षा सर्व सुुरक्षा
(च) कृषि के लिए गोमूत्र व गोबर की खाद एक प्राकृतिक औषधि है । जिससे भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ती हैं । यह पद्धति भारत में हजारों वर्षों से चल रही है ।
(छ) गोमूत्र को जब आक, नीम या तुलसी और अधिक मात्रा में जल मिलाकर उबाला जाता है तब वह शुद्ध कीटनाशक के रूप में प्रयोग होती है । For More Information: https://srsinternational.org/gau-raksha-ek-andolan-multi-languages
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