Congres ki Papgatha समझें, जब जेल में बंद नेहरू से अंग्रेजों ने वार्ता की तो नेहरू ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस से लड़ाई लड़ने मैं कोहिमा जाऊंगा ।
Congres ki Papgatha | कांग्रेस की पापगाथा
महान देशभक्त रास बिहारी बोस तथा श्याम जी कृष्ण वर्मा ने विदेशों में घूमकर इंडियन नेशनल आर्मी बनायी । मार्च 1942 में इस सेना ने टोकियो में घोषणा की कि भारत से बाहरी और अजनबी हथियार बंद गिरोहों के झुंड के रूप में फैले अंग्रेजों को मार भगाया जाएगा । इंडियन आर्मी की घोषणा से घबराकर अंग्रेजों ने कुछ लोगों से भारत में शांतिपूर्ण आंदोलन की घोषणा करवायी । 9 अगस्त 1942 को प्रारंभ यह आंदोलन 6 माह बाद टांय-टांय फिस्स हो गया और कुचल दिया गया । जब जेल में बंद नेहरू से आततायी अंग्रेजों ने वार्ता की, तब नेहरू ने घोषणा की कि भारत की आजादी दिलाने वाले सुभाषचंद्र बोस से लड़ाई लड़ने मैं कोहिमा जाऊंगा ।
21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में स्वाधीन भारत सरकार की घोषणा कर दी गयी । सोवियत संघ, जर्मनी, इटली, जापान, फ्रांस, आयरलैंड म्यांमार, थाईलैंड आदि 12 देशों ने इसे मान्यता दे दी । जब यह निश्चित हो गया कि अंग्रेजों को भारत से मार-मारकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस भगा देंगे तो स्वाधीन भारत सरकार की सेनाएं टोकियो एवं सिंगापुर से भारत के विभिन्न-नगरों में पैराशूट से उतरकर अंग्रेजों द्वारा भर्ती भारतीय सेना में भी नेताजी के प्रति प्रशंसा और आदर फैलाने लगी तब अंग्रेजों ने घबराकर सत्ता का हस्तांतरण कर भागने की तैयारी की ।
कांग्रेस ने अंग्रेजों से शांतिवार्ता कर सन् 1943 से ही सत्ता हथियाने की योजना पर काम किया जिसके कारण भारत से अंग्रेजों की विदाई 4 साल के लिए रुक गयी अन्यथा वे 1943 में मारकर भगा दिए जाते । इस प्रकार ब्रिटिश हिस्से वाले भारत की स्वाधीनता को चार वर्षों तक रोक रखना कांग्रेस का महापाप व राष्ट्रद्रोह था । इससे Congres ki Papgatha स्पस्ट हो जाती है ।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस और क्रांतिकारी वीरों तथा वीर सैनिकों के कारण अंग्रेजों को भारत से भागना पड़ा था । अंग्रेजों ने कहा कि हम सत्ता उसे देंगे जो हमारी शर्तें माने । काले अंगे्रज नेहरू ने अंग्रेजों की कई भयानक शर्तें ‘सत्ता के हस्तांतरण की संधि’ के रुप में स्वीकार की।
Congres ki Papgatha- भारत में रक्तपात व विभाजन की नयी विभीषिका :
सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार कानून ‘साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक’ जो भारत में बड़े रक्तपात और विभाजन की बुनियाद रखेगा । हिन्दू अपने ही राष्ट्र में दोयम दर्जे का एक भयभीत और गुलाम नागरिक होगा । कानून कितना भयावह होगा आप स्वयं देखिये ।
इस कानून से दंगों के लिए बहुसंख्यक हिन्दू दोषी माने जायेंगे, चाहे दंगा मुुुुुुसलमान करें। मुसलमान ने हिन्दुओं के विरुद्ध शिकायत की तो पुलिस बिना जाँच के हिन्दू को गिरफ्तार करेगी। अल्पसंख्यक मुसलमान पुरुष द्वारा हिन्दू औरतों के बलात्कार को अपराध नहीं माना जायेगा। दंगों के कारण हिन्दुओं के जान माल का कितना भी नुकसान हुआ तो भी सरकारी मुआवजा सिर्फ मुसलमान को मिलेगा, हिन्दुओं को नहीं।
भारत को गुलाम बनाने का कांग्रेसी षड्यंत्र-आधार कार्ड :
यू. पी. ए . सरकार ने आधार कार्ड का ठेका न्यूयार्क की ऐसी कम्पनी को दिया है जिसे बदनाम अमरीकी खुफिया एजेंसी सी. आई. ए . ने बनाया है । इससे भारतीय नागरिकों की पूरी जानकारी इस खुफिया एजेंसी के पास चली गयी है और देश की सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है। इससे लोगों की गोपनियता प्रभावित हो रही है । सुप्रीम कोर्ट में एक निवृत्त न्यायाधिश ने जनहित याचिका दाखिल कर आधार कार्ड की वैधता को चुनौती दी है । यह संविधान के अनुच्छेद-14 (राइट टु इक्वेलिटी) और अनुच्छेद-21 (राइट टू लाइफ ऐंड लिबर्टी ) में दखल है। आधार कार्ड से हर आदमी की मोनिटरिंग की जा सकती है । सरकार कहती है कि यह आधार स्कीम स्वैच्छिक है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा । आधार कार्ड तमाम तरह की सुविधाओं के लिए अनिवार्य किया जा रहा है ।
6 बिलियन डॉलर इनफोसिस को देने के लिए और बांग्लादेशी घुसपैठियों का वोट बैंक बनाने के लिए कांग्रेस ने आधार का गठन किया । जिस प्रस्ताव के द्वारा आधार समिति का गठन किया गया उस पर अभी तक संसद में कोई आम राय नहीं बनी है । अभी तक यह समिति अवैध है।
मुंबई मे 50 हजार से ज्यादा बांग्लादेशियों के आधार कार्ड का जखीरा पकड़ा गया । अब तक बने 20 करोड़ आधार कार्ड में ज्यादातर अल्पसंख्यकों के बने हैं । घुसपैठियों / बंगलादेशियों को यह देकर पक्का भारतवासी बनाने की साजिश चल रही है । यदि सरकार की नियत साफ़ होती तो मतदान को ही यूनिक बना दिया जाता ।
कांग्रेस द्वारा हिन्दुओं का पैसा ईसाईयों व मुसलमानों पर खर्च :
श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों एवं धर्मार्थ हेतु दी गयी दान-राशि मुस्लिमों व ईसाइयों के कल्याण के लिए खर्च की जाती है और हिन्दू तीर्थ यात्रियों (अमरनाथ, कैलाश और शबरीमलय आदि) पर यात्रा कर लगाया जाता है मुसलमानोें को करोड़ों की हज सबसिडी, इमामों को हर महीने 2500 रु., दंगा नियंत्रण पुलिस पर खर्च, आतंकवादियों को पेन्शन, मुस्लिम छात्रा को 30,000 रु., इस्लामी कॉलेजों को अनुदान, आतंकियों को वी.आई.पी. जेल आदि। भारत मेें 14 प्रतिशत मुसलमानों को अल्पसंख्यक कहना कहाँ तक उचित है ?
हिन्दुओं पर कांग्रेस का अत्याचार यह है Congres ki Papgatha-
हिन्दू बहुल भारत, वर्षों से सेक्युलर है और मुस्लिम बहुल देश केवल इस्लामिक देश है और वहाँ अल्पसंख्यकों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है । केरल प्रदेश के विधायक, सांसद व मंत्रीगण अल्लाह और जीसस के नाम से शपथ लेते हैं, जो असंवैधानिक है । क्या वे हिन्दू राम या कृष्ण के नाम से शपथ नहीं ले सकते हैं ?
जम्मू-कश्मीर की लड़की से शादी कर एक पाकिस्तानी भारतीय बन सकता है परंतु यदि वही लड़की जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त भारत के अन्य प्रांतीय से शादी करती है तो उसकी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता समाप्त कर दी जाती है । जम्मू-कश्मीर में दो लाख हिन्दू मतदाता संसदीय चुनाव में तो वोट देते हैं परंतु विधानसभा चुनाव में उन्हें मताधिकार प्राप्त नहीं है क्यों.. ?
एक आर्क बिशप के ऊपर भारत के किसी भी न्यायालय में मुकदमा नहीं चल सकता । जब किसी व्यक्ति को आर्क बिशप बनाया जाता है वह स्वाभाविक रूप से वैटिकन नागरिक बन जाता है और उसे वैटिकन का पास पोर्ट मिल जाता है । क्या कानून के सामने सब बराबर हैं, क्या यही प्रमाण हैं ।
मुसलमान एक समय में चार पत्नियाँ रख सकता है और यह कानून संविधान सम्मत है । परंतु एक हिन्दू यदि एक से अधिक पत्नी रखता है, तो वह असंवैधानिक है, और कानून के खिलाफ है । वह कानून भंग करने के लिए दोषी है । क्या यह कानून की दृष्टि में विरोधाभाष नहीं है ? हैदराबाद में एक साठ वर्षीय अरबी ने दस मिनट के अंदर अफ्रीन, फरधीन और सुल्ताना नामक तीन लड़कियों से शादी की । यदि यह बलात्कार नहीं है, तो और क्या है ? क्या यहांँ मवेशी खाना है ?
भारतीय सेना द्वारा मारे गये पाकिस्तान के मुसलमान आतंकवादियों के परिवारवालों को पेन्शन और नौकरी देगी भारत की कांग्रेस सरकार । गोधरा में 59 हिन्दुओं के नरसंहार के लिए कोई सहानुभूति नहीं ? यह Congres ki Papgatha की स्पस्ट कडी है ।
अधिक जानकारी के लिए- https://srsinternational.org/congress-ki-papgatha-multi-languages/
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