Vishw ki Aadi Calender Parampara
World’s Oldest Calendar Tradition
माना जाता है कि कृषि एवं यज्ञ आदि के उद्देश्य से पंचांग की रचना हुई । इसमें अन्य पाँच बातें भी शामिल हैं इसलिए इसे पंचांग भी कहा जाता है । अयन, मास, पक्ष, सप्ताह इस प्रकार काल विभाजन किया गया है । Vishw ki Aadi Calender Parampara भारत से ही शुरु हुई है ।
विभिन्न हिन्दु संवत
कल्पाब्द- 1, 97, 29, 49, 106
सृष्टि- 1, 95, 58,85, 106
वामन- 1, 96, 08, 89, 106
राम- 1, 25, 69, 106
कृष्ण- 5, 233
युधिष्ठिर- 5, 106
बुद्ध- 2, 581
महावीर- 2, 533
शंकराचार्य- 2, 286
विक्रम- 2, 063
शक- 1, 928
कलचुरी- 1, 756
वल्लभी- 1, 634
बंगला- 1, 413
हर्षाब्द- 1, 397
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विश्व के अन्य संवत
चीनी- 9, 60, 02, 302
खताई- 88, 38, 377
मिस्त्र- 27, 661
तुर्की- 7, 614
ईरानी- 6,012
इब्राहिम- 4, 447
मूसा- 3, 711
यूनानी- 3, 580
रोमन- 2, 758
वर्मा- 2, 547
मलयकेतु- 2, 319
पारसी- 2, 254
ईसा- 2, 007
जावा- 1, 933
हिजरी ‘इस्लाम‘- 1, 427
आमतौर पर विश्व में सर्वाधिक प्रचलित ईसा कैलेण्डर अधिक वैज्ञानिक माना जाता है, परन्तु ऐसा नहीं है । इस कैलेण्डर में सूक्ष्मता का अभाव है । इसलिए कई बार इसका समय बदला गया है । इसके विपरीत भारतीय कैलेण्डर के निर्माण में प्रारंभ से ही कालगणना का इतनी सूक्ष्मता से ध्यान रखा गया कि कभी भी इसमें परिवर्तन की आवश्यकता नहीं पड़ी । इस लिए Vishw ki Aadi Calender Parampara में भारत का नाम आता है ।
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