Trikonmiti Ki Khoj एवं प्रयोग प्राचीन भारत में किया गया । जो और देशों से होते हुए फिर से भारत में कुछ औऱ शब्द लिए पहुचाँ ।
Trikonmiti Ki Khoj- Who DiscoveredTtrigonometry ?
त्रिकोणमिति का आविष्कार एवं प्रयोग प्राचीन भारत में किया गया ।
भारतीय ‘ज्या’ और ‘कोटिज्या’ ही यूरोपीय भाषाओं में
साइन Sine और कोसाइन Cosine
बन गए ।
आर्यभट्ट ने 0ं से 90ं के बीच में विद्यमान विविध कमानों के लिए
एक ज्यापट्टिका बनाई है । भारतीय खगोलशास्त्र
में इसका उपयोग ग्रहों के स्थान की गणना में होता था ।
भारत में त्रिकोणमिति (Trigonometry) या गोलीय त्रिकोणमिति का विकास स्वतंत्र रुप से नहीं बल्कि ज्योतिष के अध्ययन के साथ हुआ है । आर्यभट्ट ने इस विषय को ठोस आधारशिला पर खड़ा किया था । भास्कर ने सिद्धांत शिरोमणि के गोलाध्याय में त्रिकोणमिति के कई सूत्र दिए हैं ।
त्रिकोणमिति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण
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