अरेबियनों के द्वारा यूरोप को जो ज्ञान मिला, उसके मूल खोजकर्ता भारतीय थे । Gyanka Aadi Srot: Bharat ही है इसे हम यहाँ देख सकते हैं ।
Gyanka Aadi Srot: Bharat ।
Original source of knowledge: India
के शासनकाल ‘743-774’ में
ज्योतिष और गणित की
भारतीय पुस्तकों का अनुवाद
अरबी भाषा में किया गया ।
‘‘बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिनके लिए हम मूरों (अरबी) के कृतज्ञ हैं ।
उन्होंने अंधकार में सोए हुए असभ्य यूरोप में भारत व पूर्व के देशों के ज्ञान का प्रकाश फैलाया ।
हिंद वालों से सीखी हुई नई अद्भुत अंक-पद्धति का उन्होंने ही स्पेन में प्रचार किया ।
इसी नई अंक-पद्धति ने विज्ञान और इंजीनियरी को तेजी से आगे बढ़ाया है ।’’
– अल्फ्रेड हूपर
(गणित शास्त्र के प्रसिद्ध इतिहासज्ञ)
गणित के इतिहासकार डार्क.जे.स्टरिक ने ‘हिस्ट्री ऑफ अर्थमेटिक’ में प्रमाणपूर्वक इस तथ्य को सिद्ध किया है कि अरेबियनों के द्वारा यूरोप को जो ज्ञान मिला, उसके मूल खोजकर्ता भारतीय थे ।
How entirely does the Upanishad breathe throughout the holy spirit of the Vedas! How is every one, who by a diligent study of its Persian Latin has become familiar with that incomparable book, stirred by that spirit to the very depth of his Soul!
– Arthur Schopenhauer
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