The Asaram File Film | द आसाराम फाइल फिल्म | The Asaram File Movie

Written by Rajesh Sharma

📅 March 28, 2022

The Asaram File Film सन 2008 से लेकर अब तक की संत आसाराम तथा उनके आश्रम व उनके अनुयायुओं पर हुए अत्याचार की क्रूर सच्ची कहानी बताती है ।

द आसाराम फाइल फिल्म | The Asaram File Movie

26 मार्च 2022 को रिलीज़ हुई ‘द आसाराम फाइल्स‘ सन 2008 से लेकर अब तक की संत आसाराम, उनके आश्रम व उनके अनुयायुओं पर हुए अत्याचार की  क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है । यह संत आसाराम के जेल की सच्ची कहानी है, जो उनके उपर हुए षडयंत्र का पर्दाफाश करती है । यह संत आसाराम उनके शिष्यों के उपर हुए अत्याचार की वीडियो साक्षात्कार पर आधारित फिल्म है। उनके उपर हुए अत्याचार के दर्द, पीड़ा, संघर्ष और आघात का दिल दहला देने वाला आख्यान है । राजेश शर्मा के निर्देशन में बनी यह फिल्म अकल्पनीय प्रदर्शन किया है ! यह फिल्म यहाँ निचे क्लिक करके देख सकते हैं ।

फिल्म के जरिए लोगों में सच सामने आया है और लोगों में इसकी सनसनी फैल गयी है । फिल्म ‘आसाराम फाइल्स’ ने आसाराम का सही चित्रण किया है । उनके  उपर जो षडयंत्र किया गया की तस्वीर इस फिल्म में साफ दिखती हैं। यह बहुत ही बेहतर फिल्म है जिसके जरिए देश के लोग ही नही , दुनिया के सामने सच्चाई सामने आई है । इस फिल्म का विरोध भी जोरों पर है । विरोध करने वालों की सच्चाई भी सामने आनी चाहिए कि आखिर ये कौन लोग हैंं और क्या चाहते हैं ?

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The Asaram File Film

विरोधी संत आसाराम बापू

संत आसारामजी ने अपने सत्संगों से अध्यात्म, भारतीय संस्कृति व स्वदेशी का प्रचार-प्रसार तो किया लेकिन पाश्चात्य कल्चर व ईसाई धर्मान्तरण का जमकर विरोध किया । धर्मान्तरण रोकने के लिए इन्होंने चल-चिकित्सालय, भजन-मंडली, राशनकार्ड, ‘भजन करो,भोजन करो, पैसा पाओ योजना’ जैसी विभिन्न योजनायें चलायीं । इन्होंने सामाजिक कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया। वेलेन्टाइन डे व क्रिसमस डे के दिन नये पर्व शुरू करवा के ईसाई मिशनरियों से दुश्मनी खुद पैदा की ।

The Asaram File Filmमिशन के तहत जेल : संत आसारामजी ने शुरू से ईसाई धर्मान्तरण, विदेशी कम्पनियों व राजनेताओं द्वारा लूट व शोषण के खिलाफ लोगों को जाग्रत किया । जिससे इन लोगों ने संत आसारामजी को रोकने के कई बार प्रयास किये तथा जमकर विरोध करने लगे । विरोध करने के लिएइन लोगों ने संत आसारामजी के खिलाफ मीडिया का दुरुपयोग व आश्रम से निकले हुए कुछ बगावती लोगों को साथ लेकर इनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया ।

सन् 2002 से इन लोगों ने ‘बापू रोको अभियान’ चलाया । लेकिन कई बार असफल होने के बाद राजनेताओं से साँठ-गाँठ कर सन् 2008-09 में इनके गुजरात के आश्रमों पर धावा बोला लेकिन पूर्ण सफलता नहीं मिली । इसके बाद से ‘बापू जीरो मिशन’ चलाया जा रहा है । जिसके प्रथम चरण में संत आसारामजी व उनके पुत्र नारायण साँईं को जेल में डाला गया है ।

The Asaram File Filmसंत आसारामजी को जेल भेजना बहुत जरूरी था : IBMR रिपोर्ट के अनुसार ‘भारत में किसी भी गरीब को ईसाई बनाने का खर्च दुनिया के किसी विकसित देश के मुकाबले 700 गुना सस्ता है ।

भारत पोप के लिए सबसे सस्ता बाजार है ।’ संत आसारामजी के सत्संग व बढ़ते सेवाकार्यों से यह बाजार महँगा होता है । धर्मान्तरण में तेजी लाने के लिए संत आसारामजी को जेल भेजकर उनका प्रभाव कम करना बहुत जरूरी था ।

अधिक जानकरारी के लिएः https://srsinternational.org/blog

 

The Asaram File Film

संत आसारामजी का खतरनाक मिशन

धर्मान्तरण को रोकना : 

संत आसारामजी व उनके शिष्यों द्वारा प्रतिवर्ष हजारों सत्संग कार्यक्रम, 1200 भजन-मंडली, प्रति माह 17 लाख ‘ऋषि प्रसाद’ व 3 लाख ‘लोक कल्याण सेतु’ पत्रिका का प्रकाशन तथा प्रति वर्ष 4000 संकीर्तन यात्रायें निकाली जाती हैं । उनके सैकड़ों आश्रमों में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक, एक्यूप्रेशर आदि की चिकित्सा की जाती है । गाँव-गाँव में गरीबों, आदिवासियों में निःशुल्क चिकित्सा-शिविर आयोजित होते हैं । कई चल-चिकित्सालय भी चलते हैं ।

ओड़िशा, गुजरात, मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों के सबसे गरीब इलाकों में गरीबों, अनाश्रितों एवं विधवाओं के लिए बापू के आश्रम द्वारा राशनकार्ड दिये गये हैं, जिनके माध्यम से उनको हर माह अनाज व जीवनोपयोगी वस्तुएँ निःशुल्क दी जाती हैं ।

संत आसारामजी की ‘भजन करो, भोजन करो, पैसा पाओ योजना’ के तहत जिनकी आय कम है, खाली बैठे वृद्धों व परिवारजनों को सुबह से शाम तक भगवन्नाम-जप, सत्संग, कीर्तन करवाकर भोजन व पैसा (50 से 80 रुपये प्रतिदिन) दीया जाता है । संत आसारामजी ऐसी अनेकों योजनाएँ चलाकर ईसाई धर्मान्तरण को रोकते हैं ।

विदेशी कम्पनियों को उखाड़ फेंकना : 

अगर बापूजी के चार करोड़ शिष्य व अनुयायी 50 सालों तक शराब व सिगरेट नहीं पीते हैं तो 37 लाख 64 हजार करोड़ रुपयों का शराब कम्पनियों को घाटा, 22 लाख 72 हजार करोड़ रुपयों का सिगरेट कंपनियों को घाटा होता है ।

‘वेलेन्टाइन डे’ से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, ग्रीटिंग आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री के कारोबार में भी करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है । ऐसे ही गुटका, ब्ल्यू फिल्म, अश्लील सामान आदि बनानेवाली कंपनियों का भी यही हाल है । यदि इन सभी आँकड़ों को जोड़ा जाय तो कई सौ लाख करोड़ रुपये हो जाते हैं । इतने बड़े नुकसान की वजह संत आसारामजी हैं ।

पाश्चात्य संस्कृति को रोकना :

नये त्यौहार बनाकर रोकना : संत आसारामजी ने सन् 2007 से 14 फरवरी को ‘वेलेन्टाइन डे’ की जगह ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाना शुरू करवाया । इसका ऐसा प्रचार हुआ कि मानो ‘वेलेन्टाइन डे’ को उखाड़ने का तांडव शुरू हो गया हो । मलेशिया, ईरान, सउदी अरब, इंडोनेशिया आदि अनेक देशों ने वेलेन्टाइन डे पर प्रतिबंध लगा दिया । ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ विश्वव्यापी हो गया है, जिससे ईसाई जगत में बहुत बड़ी खलबली मची है ।

इस बाबा ने जेल में रहते हुए भी 25 दिसम्बर को ‘क्रिसमस डे’ के ही दिन ‘तुलसी पूजन दिवस’ के नये त्यौहार का प्रचार-प्रसार तथा 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक ‘विश्वगुरु सप्ताह’ अपने शिष्यों से शुरू करवाया । धर्मान्तरण करनेवाला ईसाई जगत बाबा के जेल में जाने के बाद भी परेशान है ।

विभिन्न योजना चलाकर रोकना : 

संत आसारामजी भारत में 17,000 निःशुल्क बाल संस्कार केन्द्र, 40 गुरुकुल, 1 डिग्री कॉलेज तथा प्रति वर्ष 4000 संकीर्तन यात्राएँ, 1500 सत्संग कार्यक्रम, 4 लाख 86 हजार भजन-संध्या कार्यक्रम तथा भारत में प्रति वर्ष 2200‘विद्यार्थी उत्थान शिविर, 25 से 27 लाख विद्यार्थियों मेें ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश ज्ञान प्रतियोगिता’, 2 लाख 50 हजार ‘युवा संस्कार सभाएँ’ व हजारों महिला उथान शिविरों आदि के माध्यम से पाश्चात्य कल्चर को भारत में फैलने से रोकते हैं ।

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आसारामजी का खतरनाक मिशन

आसाराम बापू की असलियत

The Asaram File Film

कौन हैं आसाराम बापू… ?

हमेशा विवादों में घिरे रहनेवाले संत आसाराम बापू आजकल सलाखों के पीछे हैं । उन्होंने सन् 1995 तक भारत सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया । सन् 1995 केे बाद भारत में इनका प्रचार-प्रसार तेजी से बढ़ा । सम्पूर्ण भारत में जगह-जगह खूब सत्संग होने लगे । बड़े-बड़े पोस्टर, होर्डिंग्स् लगने लगे । टीवी चैनलों, रेडियो आदि पर इनका प्रसारण तेजी से शुरू हुआ ।

इनके सत्संगों में मंत्री, मुख्यमंत्री, उद्योगपति व फिल्मी जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ आने लगीं । लोग विभिन्न मत, पंथ, सम्प्रदाय आदि छोड़कर इनके पास आने लगे । जगह-जगह इनके आश्रम व समितियाँ बनने लगीं । वर्तमान में इनके 450 आश्रम, 1400 समितियाँ कार्यरत हैं व 5 से 6करोड़ शिष्य होने का अनुमान है ।

अधिक जानकरारी के लिएः https://bit.ly/3LqYPVE

 

आसारामबापू के पीछे कौन ?

नारायण साँईं की हकीकत

आसाराम बापू की विचारधारा क्या हैं ?

Asaram Bapu ka Sach

अवश्य पढें-

ईसा मुसा और आसाराम

आसाराम बनने की कहानी

आसारामजी की जेल कहानी

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आसाराम बापू की असलियत

संत आसारामजी के चमत्कार

आसारामजी ऐसा क्यों किये

आसारामजी के साथ धोखा

बोरिया बाबा का खत मोदी के नाम

आपकी आवाज आसाराम

 

 

 

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